Importance Of Rangoli On Diwali: रंगोली बनाने का महत्व

Importance Of Rangoli On Diwali: रंगोली बनाने का महत्व : Diwali or Deepawali भारत में मनाए जाने वाले विभिन्न त्योहारों में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। Diwali पूरे देश में अलग अलग तरीकों, रिवाजों से मनाई जाती है जिसका अपना अलग अलग महत्व है। Diwali के दिन भारत (India) के कई जगहों पर रंगोली (Rangoli Design 2024) भी बनाई है। Rangoli की Design बनाने के कई तरीके और सभी की अपनी विशेषता है। Importance Of Rangoli On Diwali: रंगोली बनाने का महत्व जानने के लिए Article को पूरो पढ़ें…

Importance Of Rangoli On Diwali: रंगोली बनाने का महत्व

Rangoli बनाने का अपना अलग ही एक महत्व है। रंगोली की सुंदरता, खुशबू, Rangoli Design मन में एक अलग ही खुशी प्रदान करती है। Rangoli की Design से उसे बनाने वाले के स्वभाव, मन का पता चलता है। Rangoli की सहायता से व्यक्ति या समाज अपनी खुशी व परेशानियां भी व्यक्त कर सकता है। आइये आगे जानते हैं कि रंगोली बनाने का महत्व (Importance Of Rangoli On Diwali) क्या है…

  1. रंगोली बनाने का सबसे बड़ा महत्व (Significance Of Rangoli) यह है कि Rangoli घर में सकारात्मकता (Positivity), शुद्धता (Purity), और सौभाग्य (Good Fortune) लाती है।
  2. भारत में बनाई जाने वाली रंगोली डिजाइन (Rangoli Design 2024) में मुख्य रूप से फूलों जैसे कमल (Lotus), गुलाब (Roses), मोर (Peacock), कबूतर, मछली (Fish) इत्यादि को दर्शाया जाता है। यह सभी शांति (Peace), दिव्य ऊर्जा (Devine Energy) व खुशियों (Happiness) के प्रतीक हैं। वहीं रंगोली में उपयोग किये जाने रंगोली के रंग (Rangoli Colours) को अपना एक अलग ही आध्यात्मिक लाभ (spiritual benefits) होता है।
  3. जैसे कि कहा गया है कि ”स्वच्छ मन में देवता निवास करते हैं” वैसे ही मान्यता है कि स्वचछ घर में, साफ जगहों में पर ही प्रभु वास करते हैं। इसलिए लोग घरों को निर्मल करके सुंदर रंगोली बनाकर प्रभु का स्वागत करते हैं।
  4. रंगोली में देवी-देवताओं की फोटो व लक्ष्मी जी पैर बनाने की परंम्परा है। कहा जाता है कि घरों में साफ-सफाई देखकर माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घरों में प्रवेश करके भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।
  5. लोगों में मान्यता है कि घरों से नकारात्मकता (Negativity), बुराई को दूर करने के लिए भी घरों में रंगोली बनाई जाती है।

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रंगोली के प्रकार – Types Of Rangoli

Bihar: Aripan
West Bengal: Alpana
Uttar Pradesh: Chowkpurana
Andhra Pradesh: Muggu
Odisha: Chita/Jhoti
Tamil Nadu: Kolam
Rajasthan: Mandana
Uttaranchal: Aipan

अलग अलग नामों के अलावा भारत में अलग अलग तरीकों से भी Rangoli बनाई जाती है। रंगोली (Importance Of Rangoli On Diwali) बनाने के लिए मुख्य रूप से गेहूं का आटा, चावल का आटा, फूल, रंग, हल्दी इत्यादि का उपयोग किया जाता है। Rangoli की उतपत्ती सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilisation) से मानी गई है।

रंगोली को द्वार की देहरी, आँगन के केन्द्र और उत्सव के लिए निश्चित स्थान के बीच में या चारों ओर बनाया जाता है। कभी-कभी इसे फूलों, लकड़ी या किसी अन्य वस्तु के बुरादे या चावल आदि अन्न से भी बनाया जाता है।

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रंगोली का इतिहास – History Of Rangoli

रंगोली को ‘अल्पना’ नाम से भी जाना जाता है। इसके सबूत मोहन जोदड़ो और हड़प्पा (Mohenjo-daro and Harappa) में भी पाए गए हैं। अल्पना वात्स्यायन के काम-सूत्र में वर्णित चौसठ कलाओं में से एक है। इसकी उत्पत्ति के संबंध में साधारणतः यह जाना जाता है कि ‘अल्पना’ शब्द संस्कृत के – ‘ओलंपेन’ शब्द से निकला है, ओलंपेन का मतलब है – लेप करना।

आनंद कुमार स्वामी, जो कि भारतीय कला के पंडित कहलाते हैं, का मत है कि बंगाल की आधुनिक लोक कला का सीधा संबंध 5000 वर्ष पूर्व की मोहन जोदड़ो की कला से है। व्रतचारी आंदोलन के जन्मदाता तथा बंगला लोक कला व संस्कृति के विद्वान गुरुसहाय दत्त के अनुसार कमल का फूल जिसे बंगाली स्त्रियाँ अपनी अल्पनाओं के मध्य बनाती हैं, वह मोहन जोदड़ो के समय के कमल के फूल का प्रतिरूप ही है।

संदर्भ –

1. Rangoli | INDIAN CULTURE
2. रंगोली

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