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आँखों की कमजोरी के लक्षण, कारण और घरेलू उपाय

आँखों की कमजोरी के लक्षण

आँखों की कमजोरी के लक्षण – आंख हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक हैं, इसलिये आंखों को स्वस्थ रखना बहुत जरुरी है। अगर ऐसा नहीं करेंगे तो हमें आँखों की कमजोरी के लक्षण देखने को मिल सकते हैं। आंखों को स्वस्थ रखने के लिये सबसे ज्यादा हमें अपनी दिनचर्या व खानपान पर ध्यान देना चाहिये। इसके साथ ही आंखों की एक्सरसाइज करना भी बहुत जरुरी है।

वहीं अगर आपकी उम्र बढ़ रही है तो आपको समय समय पर अपनी आंखों की जांच भी करा लेनी चाहिये। इसके अलावा आजकल हर उम्र के लोग व छोटे छोटे बच्चों को भी चश्मा लग जा रहा है हालांकि कम उम्र में आंखें खराब होने के कई कारण हो सकते हैं। इसमें खानपान, कोई बीमारी तो शामिल है ही, साथ ही आजकल कई सारे ऐसे गैजैट शामिल हैं जिनके ज्यादा उपयोग का असर भी बच्चों की आंखों पर पड़ रहा है।

वहीं कई बार आंख की किसी अंधरुनी बिमारी या जीन्स के कारण भी कमजारे होने लगती हैं। कभी कभी ऐसा होता है कि हमारी या बच्चों की आंख कमजोर होने लगती है लेकिन हमें इसका समय से पता नहीं चल पाता। जिसकी वजह से हमें इसके बुरे असर का सामना करना पड़ जाता है, इसलिये आंखों की कमजोरी के लक्षण के बारे में जानना बहुत जरुरी है।

इस लेख में हम आपको आंख कमजोर होने के लक्षण के साथ साथ आंखों के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी। इसके लिये सबसे पहले आंखों की कमजोर के लक्षण को बारे में जानेंगे…

आँखों की कमजोरी के लक्षण -Symptoms of Eye Weakness in Hindi

आँखों की कमजोरी के लक्षण कई हो सकते हैं जिनमें से मुख्य जो हैं वह आगे बताए गये हैं-

बच्चों की आँखे कमजोर होने के लक्षण

आँखे कमजोर होने के कारण – Reasons of Eyes Weakness in Hindi

अभी तक के लेख में आपने जाना कि Akhona ki kamjori ke lakshan कौन कौन से होते हैं। आंखों को स्वस्थ रखना बहुत जरुरी है। लेकिन कभी कभी उचित खानपान व पूरी सावधानी बरतने के बावजूद भी आंखें कमजोर हो जाती है। इसलिये यह जानना बहुत जरुरी है कि आंखों की कमजोरी के कारण क्या हैं। तो आगे इस लेख में हम कमजोर आंखों के कारण के बारे में जानेंगे…

आँखों की कमजोरी के कारण
आँखों की कमजोरी के कारण

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1. आँखों में ड्राईनेस आ जाना – Eye Dryness in Hindi

आंख कमजोर होने के कारणों में सबसे मुख्य कारण है आंखों में ड्राईनेस आ जाना या आंखों का सूखापन। आंखों के सूखने के मुख्य कारण हैं रैग्यूलर कम्प्यूटर पर या मोबाइल पर काम करना। कम्प्यूटर या मोबाइल पर काम करते वक्त हमारी आंखों कम झपकती हैं जिसके कारण वह सूख जाती हैं।

2. आंखों पर सूरज की रोशनी कम पड़ना – Sunlight deficiency for eyes Hindi

सूरज की रोशनी हमारे शरीर के लिये जितनी आवश्यक हैं उतनी ही हमारी आंखों के लिये भी हैं। सूरज की रोशनी से विटामिन डी मिलता है जिससे हेल्दी इम्यून सिस्टम, ब्रेन और आंखें स्वस्थ रहती हैं। सूरज की किरणों से डोपाइन रिलीज होता है जो आंखों को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाता है। हालाँकि सीधे आँखों पर ज्यादा देर तक सूरज की रौशनी नहीं पड़नी चाहिए, इससे आँखें ख़राब हो सकती हैं।

3. महिलाओं में पीरियड्स समय से पहले बंद हो जाना

पीरिड्स महिलाओं के शरीर को स्वस्थ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कई महिलाओं में पीरियड्स सही समय पर यानी कि उचित उम्र में बंद होता है जबकि कुछ महिलाओं का समय से पहले ही बंद हो जाता है। जिसका असर उनकी आंखों पर पड़ सकता है। हालांकि इसमें कोई घबराने की बात नहीं है। आंखों की कमजोरी से बचने के लिये महिलाओं को अपने खानपान पर उचित ध्यान देना चाहिये।

4. शरीर में पानी की मात्रा कम होने पर

आप अगर पानी कम पीते हैं जिससे आपके शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है तो इस कारण भी आंखें कमजोर हो जाती हैं। मानव शरीर में लगभग 60 प्रतिशत जल होना चाहिये। मस्तिष्क में 85 प्रतिशत जल होता है, रक्त में 79 प्रतिशत जल है तथा फेफड़ों में लगभग 80 प्रतिशत जल होता है। इसकी संख्या अगर कम ज्यादा हो जाती है तो इसका असर शरीर पर जरुर पड़ता है।

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5. आंखों में अधरूनी चोट से आँखों की कमजोरी के लक्षण

अगर कभी खेलते हुए या किसी और वजह से आँखों में चोट लग गयी हो तब भी आँखों की कमजोरी के लक्षण कुछ समय बाद दिखने लगते हैं।आंख में अधरूनी चोट के कारण आंखों की रोशनी कम हो सकती है। ऐसा होने पर अपनी आंखों की जांच किसी अच्छे डॉक्टर से करानी चाहिये।

6. अनुवांशिक कारणों से आंखें कमजोर होना

आंखों की कमजोरी के कारण में एकअनुवांशिक कारण भी हो सकता है। विभिन्न शोध व चिकित्सकों के अनुसार अगर परिवार में किसी कारण से किसी भी व्यक्ति की आंखें कमजोर हैं, तो हो सकता है कि आपकी आंखें भी कमजोर हो जाए। हालांकि इस पर अभी और अधिक शोध की आवश्यकता है और यह कारण विशेष स्थिति में हो सकता है।

7. आंखों की कमजोरी के कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी से

शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण विभिन्न समस्याएं व बीमारियां हो सकती हैं। इनमें से एक है आंखों का कमजोर होना। इससे बचने के लिये कोशिश करें कि आहार में सभी पोषक तत्वों को शामिल करें। खासतौर पर विटामिन ए जो आंखों को स्वस्थ रखने के लिए बहुत ही जरूरी पोषक तत्वों में से एक माना जाता है।

8. कंप्यूटर और मोबाइल का कम इस्तेमाल करें

लंबे समय तक बिना रुकावट या ब्रेक लिये कंप्यूटर और मोबाइल का इस्तेमाल करने से आंखें पर बुरा असर पड़ सकता है व आंखें कमजोर हो सकती है। इसलिए कोशिश करें कि कंप्यूटर या मोबाइल का इस्तेमाल करने के दौरान बीच-बीच में अपनी आंखों को रेस्ट दें। इससे आंखों को आराम मिलता है। स्क्रीन टाइम कम करने से आंखों को सुरक्षित रखने में मदद मिलती है।

9. धूम्रपान का सेवन

शराब और धूम्रपान का सेवन करने से आँखों की कमजोरी के लक्षण सामने आ सकते हैं। इससे आंखें कमजोर ही सकती हैं। इसलिए अगर आप अपनी आंखों के स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो शराब और धूम्रपान से दूरी बनाकर रखें।

आँख की रोशनी बढ़ाने के घरेलू उपाय

आंखों की रोशनी बनाये रखने के लिये हमें सबसे ज्यादा अपने खानपान, उचित व्यायाम, शरीर में भरपूर पानी की मात्रा होने से हमारी आंखे तंदरुस्त रहेंगी। इस लेख में आपको कुछ ऐसे उपाय बताये जाएंगे जिससे आपकी आंखों की रोशनी बनी रहेगी।

आँखों की रौशनी बढ़ाने के घरेलु उपाय

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आंखों के लिये लाभदायक घरेलू नुस्खे

आंखों की एक्सरसाइज – Exercise for Eyes in Hindi

आंखों को स्वस्थ रखने के लिये खानपान के साथ-साथ एक्सरसाइज करना बहुत फायदेमंद होता है। आर्टिकल में आगे पढ़ें – आंखों की रोशनी बढ़ाने की एक्सरसाइज

आंखों की रोशनी बनाये रखने के लिये क्या करें – 8 Tips to Maintain Eyesight in Hindi

आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिये कौन सा विटामिन जरूरी हैं

आंखों की रोशनी बनाये रखने के लिये सही खाद्य पदार्थों का सेवन करना जरूरी है। आइये जानते हैं आगे…

आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिये विटामिन-ए है सबसे जरूरी

आंखों की रोशनी कम होने का सबसे बड़ा कारण है विटामिन-ए की कमी। विटामिन ए आंखों की प्रकाश-संवेदी कोशिकाओं को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है, जिन्हें फोटोरिसेप्टर भी कहते हैं। विटामिन-ए की कमी से रतौंधी, ड्राईनेस (सूखापन) व अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। विटामिन-ए की कमी पूरा करने के लिये अंडे की जर्दी व डेयरी प्रोडक्ट्स के साथ पीले फलों व सब्जियों का सेवन कर सकते हैं।

आंखों के लिये ओमेगा -3 फैटी एसिड खाने के फायदे

कई वैज्ञानिक शोध व अध्ययनों के अनुसार ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acid) आंखों के स्वस्थ के लिये फायदेमंद हो सकती हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त आहार का सेवन करने से आंखों में सूखापन (Eye Dryness) की समस्या से छुटकार दिला सकता है। इसके लिये आहार में नट्स, सीड्स, सैल्मन और टूना जैसी मछलियों का सेवन किया जा सकता है।

आंखों के स्वास्थ के लिए विटामिन सी जरूरी

आंखों के स्वास्थ्य पर किए गए अध्ययनों के अनुसार मोतियाबिंद के मरीजों में एंटीऑक्सीडेंट की कमी होती है। पर्याप्त मात्रा में विटामिन-सी की खुराक लेने पर मोतियाबिंद होने की आशंका कम हो सकती है। इसके लिये शिमला मिर्च, खट्टे फल, अमरूद, नींबू, संतरे और ब्रोकली इत्यादि खा सकते हैं।

विटामिन-ई आंखों के लिये फायदेमंद

विटामिन ई, वसा में घुलनशील एंटीऑक्सिडेंट का एक समूह है जो फैटी एसिड को हानिकारक ऑक्सीकरण से बचाता है। चूंकि हमारे रेटिना में फैटी एसिड की उच्च सांद्रता होती है, इसलिए आंखों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए पर्याप्त में विटामिन-ई का सेवन महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके लिये बादाम, सूरजमुखी के बीज और अलसी के तेल को इस विटामिन से भरपूर माना जाता है।

अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल – FAQ

आंखों की रोशनी बढ़ाने के घरेलू उपाय बताएं

विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर खाना खाएं जो आपकी सेहत के साथ ही आँखों की रौशनी भी बढ़ाता है। आँखों को तेज रौशनी से बचाएं। इसके अलावा एक बोनस टिप ये है की शहद और आंवले का रास पीना आँखों के लिए अच्छा माना जाता है।

आंखों के लिए विटामिन कौन से हैं ?

आंखों के लिए विटामिन A से भरपूर चीज़े खाएं। इसके साथ अगर विटामिन C वाले फल खाते हैं तो मोतियाबिंद की समस्या कम हो जाती है।

आंख से धुंधला दिखाई देने पर क्या करें ?

सबसे पहले अगर धुंधला दिखाई दे तो ठन्डे पानी से आँखें अच्छी तरह धोएं। अगर कोई ऑय ड्राप है तो उसे डालें। कभी कभी ज्यादा देर धुप में रहने या थकान की वजह से भी धुंधला दिखाई पद सकता है। अब अगर फिर भी समझ ना आये तो किसी अच्छे नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।

आँख लाल होने पर क्या करें ?

दूध और शहद को अच्छी तरह मिक्स करके आँखों में ड्राप की मदद से डालें। शहद एक एंटीबैक्टीरियल पदार्थ है जिससे आँखों में लालिमा को दूर करने मदद करता है।

Disclaimer : इस लेख (article) में बताये गए तरीके केवल जानकारी बढ़ाने अथवा ज्ञान में लाने के लिए है . यह मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं है . इसलिए कोई भी टिप्स आजमाने से पहले डॉक्टर की सलाह लें .

संदर्भ-

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6020759/

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