Anulom Vilom Ke Fayde in Hindi – आज की इस दौड़ भाग भरी जिंदगी में अपने काम के बीच हम अपने शरीर के लिये समय नहीं निकाल पाते हैं, लेकिन हमें अपनी बॉडी के लिये टाइम जरुर निकालना चाहिये। शरीर को स्वस्थ्य रखने लिये योग, प्राणायाम आदि करना चाहिये। अगर आप अपने बिजी शेड्यूल के बीच आधे घंटे भी योग के लिये निकाल रहें हैं तो यह आपके लिये बहुत लाभदायक है।
स्वस्थ रहने के लिये रोजाना प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिये। अगर आप सारे प्राणायम नहीं भी कर पा रहें हैं तो कुछ ही जैसे कपालभाति, अनुलोम विलोम इत्यादि कर लें। इस लेख के माध्यम से अनुलोम विलोम के फायदे के बारे में जानेंगे…
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अनुलोम विलोम कैसे करते हैं – How to do Anulom Vilom in Hindi
अनुलोम विलोम बहुत ही आसान प्राणायाम है। इसके लिये सबसे पहले दिन एक जगह सुनिश्चित करें। इसे सुबह के समय करना चाहिये। सुबह के समय पर्यावरण साफ रहता है औऱ ताजी हवा भी मिलती है। आप चाहें तो शाम के वक्त भी इस प्राणायाम का अभ्यास कर सकते हैं। बस ध्यना रहे कि वह जगह हवादार रहे।
अब आइये जानते हैं कि अनुलोम विलोम प्राणायाम (anulom vilom steps in hindi) कैसे करते हैं…
- सबसे पहले योग मैट या कोई साफ चादर पर बैंठ जाएं।
- अनुलोम-विलोम के लिए दाएं हाथ के अंगूठे और दाएं हाथ की मध्यम उंगली का इस्तेमाल किया जाता है।
- अब पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
- पद्मासन के लिये बाएं पैर को अपने दाईं जांघ पर और दाएं पैर के पंजे को बाईं जांघ पर रखें।
- अगर आप पद्मासन मुद्रा में नहीं बैठ सकते हैं तो आप अल्थी पल्थी मार कर ही बैठ जाएं।
- ध्यान रहे आपकी कमर सीधी होनी चाहिये।
- अब अपनी दोनों आंखें बंद कर लें।
- फिर एक लंबी गहरी सांस लें और धीरे से छोड़ दें। इसके बाद खुद को एकाग्र करने की कोशिश करें।
- इसके बाद अपने दाहिने हाथ के अंगूठे से अपनी दाहिनी नासिका को बंद करें।
- बाई (Left) नासिका से धीरे-धीरे गहरी सांस लें।
- सांस लेने में जोर न लगाएं, जितना हो सके उतनी गहरी सांस लें।
- अब दाहिने हाथ की बीच वाली उंगली से बाई नासिका को बंद करें।
- दाई नासिका से अंगूठे को हटाते हुए धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
- कुछ सेकंड का विराम लेकर दाई नासिका से गहरी सांस लें।
- अब दाहिने अंगूठे से दाहिनी नासिका को बंद करें।
- बाई नासिका से दाहिनी हाथ की मध्य उंगली को हटाकर धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
- इस प्रकार आप अनुलोम-विलोम प्राणायाम का एक चक्र पूरा कर लेंगे।
(यह भी पढ़ें – कर्नापीड़ासन करने के फायदे)
अनुलोम विलोम कितने देर तक करना चाहिये – anulom vilom duration
- आप एक बार में ऐसे पांच से सात चक्र कर सकते हैं ।
- anulom vilom kitne minute karna chahiye – इस प्रक्रिया को आप रोज करीब 10 मिनट कर सकते हैं।
अनुलोम विलोम प्राणायाम करते समय इन बातों का ख्याल रखें
- सांस पर जोर न दें।
- सांस की गति सरल और सहज रखें।
- मुंह से सांस न लें।
- सांस लेते समय किसी भी प्रकार की ध्वनि ना निकालें।
- उज्जयी सांस का उपयोग न करें।
- उंगलियों को माथे और नाक पर बहुत हल्के से रखें। किसी भी प्रकार का दबाव न लगाएं।
- प्राणायाम के पश्चात् यदि आप सुस्त व थका हुआ महसूस करते हैं तो अपने सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया पर ध्यान दें।
- सांस छोड़ने का समय सांस लेने से अधिक लंबा होना चाहिए अर्थात सांस को धीमी गति से बाहर छोड़ें।
अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे – Anulom Vilom pranayam benefits in hindi
अनुलोम विलोम प्राणायाम (anulom vilom pranayam ke fayde) नाड़ी को साफ करने का काम करता है, जिससे शरीर को कई रूपों में फायदा होता है।
अनुलोम विलोम (anulom vilom in hindi) करने से कई शारीरिक समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।
1. डायबिटीज नियंत्रण में अनुलोम विलोम लाभदायक – Anulom Vilom Benefits for Diabetes
अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो आपके लिये अनुलोम विलोम (anulom vilom pranayam ke labh) सबसे अच्छा प्राणायाम है।अध्ययन के अनुसार, डायबिटीज के मरीजों को Right nostril breathing exercise यानी सूर्य भेदन प्राणायाम से फायदा हो सकता है। इससे शरीर में शुगर (does anulom vilom reduce blood pressure) का स्तर कम हो सकता है। टाइप 2 डायबिटीज के मरीज पांच से दस मिनट रोजाना अनुलोम-विलोम का अभ्यास भी कर सकते हैं(1)।
2. स्वस्थय हृदय के लिये लाभदायक अनुलोम विलोम – Anulom Vilom ke Fayde for Heart
अगर आप दिल ठीक रखना चाहते हैं तो आपको अनुलोम विलोग प्राणायम (benefits of anulom vilom pranayam) जरुर करना चाहिये। प्राणायाम या ब्रीथिंग एक्सरसाइज (anulom vilom pranayam in hindi) सांस को नियंत्रित करने के साथ-साथ ह्रदय की गति और उसमें आए परिवर्तन को नियंत्रित करने का काम करता है। यह ह्रदय की क्षमता को बढ़ाने का काम करता है(1)।
3. गठिया रोग में अनुलोम विलोम
जोड़ों में दर्द जैसे गठिया आदि में अनुलोम विलोम प्राणायाम (anulom vilom benefits in hindi) कारगर साबित हो सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अर्थराइटिस होने के पीछे हृदय रोग भी है। यहां अनुलोम-विलोम (anulom vilom ke labh) आपकी मदद कर सकता है। अनुलोम विलोम प्राणायाम हृदय की गति को नियंत्रित करने के साथ-साथ हृदय की क्षमता को भी बढ़ाने का काम करता है। अनुलोम-विलोम प्राणायाम शरीर में चर्बी की मात्रा को नियंत्रित कर सकता है(2)।
4. माइग्रेन की समस्या में अनुलोम विलोम के लाभ (anulom vilom benefits brain)
आजकल माइग्रेन समस्या कई लोगों में देखने को मिलती है। यह काफी दर्दनाक भी होता है। इसके लिये अगर आप रोजाना अनुलोम विलोम प्राणायाम (anulom vilom aasan) करें तो यह आपको काफी राहत पहुंचाएगा। वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, ब्रीथिंग एक्सरसाइज अवसाद और चिंता को दूर करने का काम कर सकती है। इससे माइग्रेन पर नियंत्रण पाया जा सकता है(3)।
5. अनुलोम विलोम एकाग्रता बढ़ाता है (anulom vilom benefits in concentration)
स्टूडेंट्स के लिये अनुलोम विलोम योगा काफी असरदार साबित हो सकता है। यह एकाग्रता बढ़ाता है। अनुलोम-विलोम प्राणायाम (anulom vilom yoga) नर्वस सिस्टम को नियंत्रित के साथ-साथ मस्तिष्क की न्यूरोनल गतिविधियां में भी सुधार कर सकता है। इससे एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिल सकती है(1)।
6. वजन कम करने में लाभदायक अनुलोम-विलोम (anulom vilom for weight loss)
आज बहुत से लोग ऐसे हैं जो अपने भारीपन से परेशान हैं। उन्हें नियमित रुप से अनुलोम विलोम प्राणायाम (anulom vilom yoga benefits) करना चाहिये। यह ब्रीथिंग एक्सरसाइज (anulom vilom pranayam) शरीर में चर्बी या फैट की मात्रा को नियंत्रित करने का काम करती है।इससे आपका मोटापा कम हो जाएगा(1)।
7. अनुलोम विलोम कब्ज में लाभदायक (Anulom vilom benefits in Acidity)
कब्ज जैसी बिमारी में अनुलोम विलोम प्राणायाम (anulom vilom benefits) काफी असरदार होता है। अनुलोम-विलोम नाड़ी-शोधन प्रक्रिया है। वैज्ञानिक शोध के अनुसार, नाड़ी शोधन कब्ज से निजात देने का काम कर सकता है। इसलिये इसे नियमित रुप से रोज सुबह उठ कर खुली हवा में करें। आप एक दिन के अंतराल पर भी कर सकते हैं(4)।
8. अनुलोम-विलोम बॉडी डिटॉक्स करने में सहायक (Anulom Vilom benefits in detox)
अनुलोम विलोम प्राणायाम (anulom vilom pranayama) से आपकी बॉडी डिटॉक्स होती है। साथ ही अनुलोम विलोम प्राणायाम (anulom vilom) रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में भी अपनी भूमिका निभाता है। इसलिये इसे नियमित रुप से रोज सुबह उठ कर खुली हवा में करें। आप एक दिन के अंतराल पर भी कर सकते हैं(5)।
9. रक्त संचार में असरदार अनुलोम-विलोम (anulom vilom in high blood pressure)
शरीर में रक्त संचार को सुचारु रुप चलाने के लिये अनुलोम विलोम प्राणायाम (is anulom vilom good for high blood pressure) करना बहुत जरूरी है। अनुलोम-विलोम का नियमित अभ्यास सिस्टोलिक रक्तचाप और डायस्टोलिक रक्तचाप को कम कर सकता है(6)।
10. अनुलोम विलोम त्वचा की चमक बढ़ाता है (anulom vilom benefits for skin)
निखरी त्वचा किसे नहीं पसंद है। इसके लिये लोग क्या कुछ नहीं करते हैं। निखरी त्वचा के लिये अनुलोम विलोम (anulom vilom yogasan) फायदेमंद हैं। प्रतिदिन अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से आपको इसका काफी असर देखने को मिलेगा(7)।
क्या गर्भवती महिलाएं अनुलोम विलोम कर सकती हैं -Anulom Vilom during pregnancy
- अनुलोम विलोम प्राणायाम (anulom vilom in pregnancy) गर्भवती महिलाओं को डॉक्टरी सलाह के बाद करना चाहिये।
- गंभीर ह्रदय रोगी, रक्तचाप के रोगी और प्रेग्नेंट महिलाएं डॉक्टरी परामर्श पर ही इस अभ्यास को करना चाहिये।
अनुलोम विलोम के नुकसान (anulom vilom pranayam side effects)
- Anulom vilom precautions – प्राणायाम करते समय यदि आपको चक्कर आने लगे।
- साँस संबंधी परेशानी होने लेगे, पसीना आने लगे तो तुरंत प्राणायाम करना रोक दें।
- अनुलोम विलोम प्राणायाम हमेशा खुली और हवादार जगह पर ही करें। और सामान्य रूप से साँस लें।
- यह गर्भवती महिला या 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए उपयुक्त नहीं है।
- अनुलोम विलोम अस्थमा, या अन्य श्वसन समस्याओं वाले लोगों के लिए उपयुक्त नहीं है।
- यह दिल की बीमारी, कैंसर आदि जैसे गंभीर बीमारियों वाले लोगों के लिए उपयुक्त नहीं है।
- अनुलोम-विलोम प्राणायाम खाली पेट करें।
- हो सके तो सुबह करें, नहीं तो शाम को सूर्यास्त के समय करें।
- दोपहर के भोजन से कम से कम 3 घंटे के बाद ही करें।
अनुलोम विलोम करने के फायदे, देखें वीडियो –
संदर्भ –
- Therapeutic Role of Yoga in Type 2 Diabetes – https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6145966/
- http://www.recentscientific.com/sites/default/files/4051.pdf
- Yogic Breathing Instruction in Patients with Treatment-Resistant Generalized Anxiety Disorder: Pilot Study – https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6329222/
- https://www.nhp.gov.in/constipation-vibandha_mtl
- Effect of Modified Slow Breathing Exercise on Perceived Stress and Basal Cardiovascular Parameters – https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5769199/
- https://www.ijsdr.org/papers/IJSDR2102022.pdf
- https://www.ejpmr.com/home/abstract_id/220