Arbi Vegetable in Hindi – अरबी के फायदे, उपयोग और नुकसान

Arbi Vegetable in Hindi : अरबी (Taro) एक प्रकार की सब्जी है। इसे उत्तर भारत में घुइंया के नाम से भी जाना जाता है। कई जगह पर इसे कोचई, Tora, Colocasia, Esculenta नाम से भी जाना जाता है। अरबी की कई किस्में (Types of Arbi) होती है। इनमें पंचमुखी, सफेद गौरिया, सहस्रमुखी, सी-9, सेलक्शन प्रमुख हैं। अरबी के फल के साथ (Arbi Vegetable in Hindi) इसकी पत्तियां भी खाई जाती है। यह अफ्रीकी, भारतीय और समुद्री व्यंजनों में एक प्रमुख भोजन है, लेकिन यह जापान, मिस्र और सूरीनाम से लेकर अमेरिका, फिजी और स्पेन में हर जगह पाया जा सकता है।

अरबी कच्चा खाने पर जहरीला हो सकता है। क्योंकि इसमें कैल्शियम ऑक्ज़ेलेट पाया जाता है जोकि जहरीला होता है। पकाने के बाद यह तत्व नष्ट हो जाते हैं। इनको रात भर ठंडे पानी में रखने पर भी ये तत्व नष्ट हो जाते हैं। अरबी में कई प्रकार के पोषक तत्व पाये जाते हैं। आइये जानते है अरबी में कौन कौन से पोषक तत्व पाये जाते हैं।

अरबी खाने के फायदे (Benefits of Arbi in Hindi / Arbi Vegetable in Hindi)

Arbi Khane ke fayde
                                                                       Benefits of Arbi

पाचन तंत्र के लिये (Arbi vegetable benefits for Digestion in Hindi)

अरबी (arum root in hindi) पाचन तंत्र के लिये बहुत ही फायदेमंद होती है। इसमें फायबर (Fiber in Arbi) पाया जाता है जिसका उच्च स्तर जठरांत्र संबंधी स्वास्थ्य का समर्थन करने के लिये बहुत महत्वपूर्ण हैं। (taro leaves) फाइबर हमारे आँतो के कार्यों के लिए बल्क जोड़ने में मदद करता है, जिससे पाचन तंत्र के माध्यम से भोजन को आगे बढ़ने में मदद (Arbi Khane Ke Fayde) मिलती है। इससे अधिक गैस, ब्लोटिंग, ऐंठन, कब्ज और यहां तक कि दस्त को रोकने में मदद मिल सकती है। एक स्वस्थ, विनियमित गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (gastrointestinal) सिस्टम आपके समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है और विभिन्न प्रकार के कैंसर की संभावना को कम कर सकता है।

दस्त रोकने के लिए (Arbi benefits to Stop Diarrhea in Hindi)

दस्त से परेशान रहने वाले लोग अरबी का प्रयोग करें। अरबी के पत्ते का काढ़ा बनाकर 10-15 मिली मात्रा में सेवन करें। इससे दस्त पर रोक लगती है।

कैंसर के लिये (Arbi health benefits for Cancer in Hindi)

अरबी (arum root in hindi) भी हमारे शरीर में पाये जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट की गतिविधि के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अरबी में पाए विटामिन ए, विटामिन सी और विभिन्न अन्य (amino acids) फीनोलॉलिक एंटीऑक्सिडेंट पाये जाते हैं। जो हमारे प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देते हैं और हमारे सिस्टम से खतरनाक मुक्त कणों (free radical) को खत्म करने में सहायता करते हैं। मुक्त कण सेलुलर चयापचय के खतरनाक उप-उत्पाद हैं जो स्वस्थ कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं (free radical) में बदल सकते हैं। अरबी में पाए जाने वाला करिपटोकसानथिन (Cryptoxanthin) सीधे रूप से फेफड़े और मौखिक कैंसर के विकास की संभावना को कम करने के साथ जुड़ा हुआ है।

मधुमेह को कम करे (Reduce Diabetes in Hindi)

अरबी मधुमेह को कम करती है। क्योंकि यह शरीर में इंसुलिन और ग्लूकोज की रिहाई को नियंत्रित (blood sugar levels) करता है। अरबी खाने से ग्लाइसेमिक स्तर संतुलित रहता है।

दांतों के दर्द में फायदेमंद (Benefits Dental Pain in Hindi)

दातों से दर्द में अरबी का सेवन फायदा होगा। दांतों से जुड़ी बीमारियों पर बेहतर परिणाम पाने के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।

Arbi Khane Ke Fayde हृदय के लिए उपयोगी (Good for Heart)

अरबी (arum root in hindi) में पोटेशियम का महत्वपूर्ण स्तर होता है, जो आवश्यक खनिजों में से एक है जो हमारे लिए स्वस्थ और कार्यात्मक रहने की जरूरत है।

पोटेशियम न केवल पूरे शरीर में झिल्ली और ऊतकों के बीच स्वस्थ तरल पदार्थ की सुविधा देता है बल्कि रक्त वाहिकाओं और धमनियों पर तनाव और दबाव (high blood pressure) को दूर करने में भी मदद (heart disease) करता है।

नसों और रक्त वाहिकाओं को आराम देकर रक्तचाप को कम किया जा सकता है और समग्र कार्डियोवस्कुलर सिस्टम पर तनाव कम हो सकता है।

पोटेशियम को भी संज्ञानात्मक कार्य में वृद्धि से जोड़ा गया है क्योंकि रक्तचाप कम हो जाने पर तंत्रिका कनेक्शन को बढ़ाया जा सकता है! भूख कम लगती है तो अरबी के इस्तेमाल से फायदा ले सकते हैं।

अरबी के पत्तों के डंठल से जूस बना लें। इसमें दालचीनी, इलायची, तथा अदरक डालकर पिएं। इससे ह्रदय विकार ठीक होते हैं।

घाव सुखाने के लिए ( Wound Healing by Arbi roots )

घाव ठीक नहीं हो रहा है तो अरबी का इस्तेमाल करें।

अरबी के कोमल पत्तों के रस को निकालकर घाव पर लगाएं। इससे घाव से खून बहना रुक जाता है, और घाव भर जाता है।

Arbi Khane Ke Fayde दृष्टि के लिये (Arbi Benefits For Eyes)

अरबी में बीटा-कैरोटीन और करिपटोकसानथिन सहित कई एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है।

ये एंटीऑक्सिडेंट आंखों की कोशिकाओं पर हमला करने वाले मुक्त कणों को रोकने के साथ-साथ मोतियाबिंद से लेकर दृष्टि को बेहतर बनाने में भी मदद कर सकते हैं!

Arbi Khane Ke Fayde त्वचा के लिए (Benefits in Skin )

अरबी में विटामिन ई और विटामिन ए पाया जाता है जो कि हमारी त्वचा के लिये काफी अच्छी है। यह एक बहुत पौष्टिक भोजन है जिसमें कई विटामिन, तांबा, मैंगनीज, जस्ता, मैग्नीशियम, कैल्शियम, लोहा, सेलेनियम, पोटेशियम, बीटा-कैरोटीन और क्रिप्टोक्सैंथिन जैसी खनिज शामिल हैं।

ये सभी अच्छे एंटीऑक्सिडेंट हैं जो रोगों से बचाने और बुढ़ापे की प्रक्रिया को धीमा करने के लिए उपयोगी है।

अरबी प्रतिरक्षा बढ़ाए (Arbi Vegetable for Immune System in Hindi)

सबसे महत्वपूर्ण तत्व प्रतिरक्षा प्रणाली में इसकी भूमिका है।

इसकी प्रत्येक सर्विंग में विटामिन सी का एक बहुत उच्च स्तर होता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को और अधिक सफेद रक्त कोशिकाओं को बनाने में उत्तेजित करता है, जो बाहरी रोगजनकों (foreign pathogens) और एजेंटों से शरीर की रक्षा करते हैं।

इसके अलावा विटामिन सी एक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करता है, जो हृदय रोग और कैंसर जैसी स्थितियों के विकास को आंशिक रूप से रोकता है।

सिर दर्द से राहत में अरबी खाने के फायदे (Relief from Headache )

Arbi से सिर दर्द में आराम पा सकते हैं।

अरबी कन्द के रस में छाछ, या दही मिला लें। इसे पीने से सिर दर्द से आराम मिलता है।

बालों के झड़ने की समस्या में (Arbi benefits for Hair Fall in Hindi)

आयुर्वेद के अनुसार, अरबी के गुण से बालों का झड़ना रुक सकता है।

अगर आपके बाल गिर रहे हों तो अरवी के कंद का रस निकालकर सिर पर मालिश करें। इससे बालों का गिरना बंद हो जाता है।

Arbi Khane Ke Fayde वजन कम करने में (Benefits in Weight Loss in Hindi)

अरबी वजन कम करने में (lose weight) बहुत फायदेमंद है।

इसमें बहुत कम कैलोरी सामग्री होती है। एक कप पकी हुई अरबी में आपको 187 कैलोरी मिलती है।

कान के रोग में Arbi फायदेमंद(Arbi benefits in Ear Disease in Hindi)

कान बहने या कान के दर्द में भी अरवी का उपयोग (Arbi Khane Ke Fayde) कर सकते हैं।

इन रोगों में अरबी के पत्ते के 1-2 बूंद रस को कान में डालें।

इससे ना सिर्फ कान बहना रुक जाता है, बल्कि कान का दर्द भी ठीक हो जाता है।

Arbi Khane Ke Fayde मांसपेशियों को मजबूत करने में (For strong Muscle)

अरबी में मैग्नीशियम होता है जो मांसपेशियों, हड्डियों और तंत्रिका स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।

सूजन की समस्या में लाभ (Arbi benefits for Reducing Inflammation in Hindi)

अरबी के गुण से सूजन की समस्या ठीक की जा सकती है।

अरबी के पत्ते (arbi ke patte), और इसकी डंडियों का रस निकाल लें। इसमें नमक मिला लें। इसका लेप करने से गांठों, और मांसपेशियों की सूजन ठीक हो जाती है।

उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करे Arbi (Control Blood Pressure in Hindi)

अरबी के पत्ते में एंटी-इंफ्लेमेटरी, हाइपोलिपिडेमिक, एंटी-कैंसर व एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं।

इन्हीं गुणों के कारण इसका उपयोग आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धति में उच्च रक्तचाप जैसी कई बीमारियों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है।

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अरबी से कब्ज की परेशानी में लाभ (For Fighting with Constipation)

अरबी के गुण इस रोग में भी काम आते हैं। अरबी के कंद का काढ़ा बनाकर पिएं। इससे कब्ज की परेशानी ठीक होती है।

100 ग्राम अरबी में पाए जाने वाले तत्व ( Nutrition facts in 100 gram Taro root ) :

पोषक तत्व (Elements)मात्रा (Amount)
पानी(Water)  37.10 g
वसा (Fat)    0.10 g
रेशा (Fiber)1.00 g
खनिज पदार्थ1.70 g
प्रोटीन3.00 g
लोहा (Iron)1.70 mg
पोटैशियम555 mg
शियामिन.9 mg
कार्बोहाईड्रेट21.1 mg
विटामिन A400 IU
कैल्शियम40 mg
सोडियम9.0 mg
Taro Roots Nutritional Value in Hindi

अरबी के नुकसान (Side Effects of Arbi in Hindi)

Side Effects of Arbi
Side Effects of Arbi

जहरीला हो सकती कच्ची अरबी

कच्ची अरबी जहरीली होती है। ऐसे में इसे खाने से इसके नकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। क्योंकि इसमें कैल्शियम ऑक्ज़ेलेट पाया जाता है जोकि जहरीला होता है।

पकाने के बाद यह तत्व नष्ट हो जाते हैं। इनको रात भर ठंडे पानी में रखने पर भी ये तत्व नष्ट हो जाते हैं।

ऑक्सालिक एसिड की समस्या

अरबी में ऑक्सालिक एसिड होता है। यह पत्तियों और जड़ों में मौजूद होता है। यह एसिड त्वचा और मुंह में जलन पैदा कर सकता हैं।

अधिक मात्रा में ऑक्सालिक एसिड का सेवन करने से पथरी की समस्या हो सकती है

किडनी स्टोन की समस्या

अरबी में कैल्शियम, ऑक्सालेट और फास्फोरस पाया जाता है। मूत्र में इसकी की मात्रा बढ़ने के कारण किडनी में पथरी की समस्या हो सकता है। अरबी के अधिक सेवन से किडनी में स्टोन की समस्या हो सकती है।

हाइपोग्लाइकेमिया की समस्या

हाइपोग्लाइकेमिया ऐसी स्थिति है, जिसमें रक्त में शुगर का स्तर बहुत कम हो जाता है।

चूंकि, अरबी मधुमेह के लिए अच्छी हैं और इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट रक्त में मौजूद शुगर को कम करने में कारगर है

इसलिए इसका सेवन करते समय यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि अरबी की अधिक खपत से रक्त में शुगर के स्तर में गिरावट आ सकती है।

अस्थमा से पीडित लोगों को अरबी के पत्तों की सब्जी नहीं खानी चाहिए।

इसके अलावा जिन लोगों को घुटनों में दर्द और खांसी हैं उन्हें भी अरबी का सेवन नहीं करना चाहिए।

प्रसव के बाद महिलाओं को अरबी के सेवन से वात विकार होने की अधिक सम्भावना रहती है।

गैस से पीडित लोगों को भी अरबी का सेवन नुकसान पहुंचाता है।

प्रेगनेंसी में अरबी खानी चाहिए या नहीं? (Arbi Benefits in Pregnancy)

फाइबर, पोटैशियम, आयरन, विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम, प्रोटीन जैसे पोषक तत्व अभी में मौजूद होते हैं। जो गर्भवती महिला के लिए जरुरी होते हैं, ऐसे में गर्भवती महिला चाहे तो अरबी का सेवन प्रेगनेंसी के दौरान कर सकती है।

क्योंकि यह सभी पोषक तत्व गर्भवती महिला की प्रेगनेंसी के दौरान आने वाली परेशानियों को कम करने के साथ गर्भवती महिला को फिट रखने में भी मदद करते हैं। साथ ही इससे माँ के पेट में पल रहे शिशु के बेहतर विकास में भी मदद मिलती है।

इस बात का ध्यान रखें की जरुरत के अनुसार ही अरबी का सेवन करें। क्योंकि जरुरत से ज्यादा किसी भी चीज का सेवन आपको नुकसान पहुंचा सकता है।

अरबी की फसल के लिये कैसी जलवायु होनी चाहिये? (Climate for the Arabi crop)

यह गर्म और आद्र जलवायु में होती है। अरबी को गर्मी, बरसात के मौसम में उगाया जाता है। अरबी के रेतीली दोमट मिट्टी की जरूरत होती है। साथ ही पानी की रुकावट न हो। नहीं तो पौधे सड़ने लगते हैं। इसे 10 से 12 दिन के अंतर पर सींचना चाहिये।

Arbi की बुवाई कब और कैसे करें?

अरबी की फसल जून से 15 जुलाई तक की जाती है।

अरबी की बुवाई दो प्रकार से की जाती है जो निम्न प्रकार से है-

समतल क्यारी बना कर अरबी की बुवाई –

इस प्रक्रिया में कतारें बनाई जाती हैं जिनकी आपसी दूरी 45 से.मी. होती है। व पौधों की दूरी 30 से.मी. और कंदों की 05 से.मी. की गहराई पर बुवाई की जाती है।

मेड़ बनाकर अरबी की बुवाई –

दूसरा तरीका है मेड़ बना कर।

इसमें 45 से.मी. की दूरी पर मेड़ बनाकर दोनों किनारे पर 30 से.मी. की दूरी पर कंदों की बुवाई की जाती है।

Arbi की बुवाई के लिये जमीन कैसे तैयार करें?

इसके लिये पर्याप्त जीवांश वाली रेतीली दोमट भूमि की जरूरत होती है। इसके लिये एक बार मिट्टी पलटने वाले हल से जोतना चाहिये।

फिर 250 क्विंटल गोबर की सड़ी खाद प्रति हैक्टैयर के हिसाब से बुवाई के 15 से 20 दिन पहले खेत में मिला लें। अब आपको जिस भी प्रकार से अरबी बोना है उस प्रकार से मे मेड़ या नालिया बना लें।

उपयुक्त खाद (Fertilizer for Arbi)

पक्के गोबर की खाद 25 से 30 टन, नाइट्रोजन 100 किलोग्राम, फोस्फोरस 60 किलोग्राम, पोटाश 80 किलोग्राम, प्रति हैक्टेयर की आवश्यकती रहती है।

इसमें गोबर की खाद को पहली जुताई से पुर्व खेत में समान रुप से फैलाएं।

फिऱ नाइट्रोजन की आधी मात्रा, फास्फोरस औऱ पोटाश की पूरी मात्रा के साथ मिला कर बुवाई के समय डालें।

बचा हुआ नाईट्रोजन बुवाई के 35 से 40 दिन और 70 दिन बाद खड़ी फसल में समान रुप से डालें।

Arbi Name in Different Languages

Hindi – अरुई, घुइयां, कच्चु, अरवी, घूय्या
English – इजिप्टियन ऐरम (Egyptian arum), क्रैच कोको (Scratch Coco), टैरो रूट (Taro root),

एड्डोस (Eddoes), एलिफैन्टस् इयर (Elephant’s ear) कोको यैम (Coco yam), टैरो (Taro)
Sanskrit – कच्चू, आलुकी
Oriya – सारु (Saru)
Konkani – ऐल्लम (Allum)
Kannada – केसवे (Kesave)
Gujarati – अलवी (Alvi)
Tamil – शिमेंथम (Shementhum), शमाकीलंगू (Shamakkilangu), सेपनकीझंगु (Sepankizhangu)
Telugu – चम्मडुम्पा (Chamadumpa)
Bengali – काचू (Kachu), अशुकुचू (Ashukuchu)
Nepali – कर्कलो (Karkalo); पंजाबी-अलू (Alu), गाग्ली (Gagli), अट्टवाचा कान्दा (Atthavacha kanda), अलू (Alu)
Malayalam – चेम्पकीझन्ना (Chempakizhanna)
Arabic – कल्कस (Kalkas), गुल्गस (Gullgas)

अरबी खाने के फायदे, देखें वीडियो –

अधिकतर पूछे गए सवाल और उनके जवाब (FAQ)

शुगर में अरबी खा सकते हैं ?

हाँ, अरबी मधुमेह को कम करती है। क्योंकि यह शरीर में इंसुलिन और ग्लूकोज की रिहाई को नियंत्रित (blood sugar levels) करता है। अरबी खाने से ग्लाइसेमिक स्तर संतुलित रहता है।

अरबी की तासीर कैसी होती है ?

अरबी की तासीर ठण्डी होती है।

अरबी के पत्ते के फायदे क्या हैं ?

अरबी के पत्ते में विटामिन A पाया जाता है।
कब्ज में भी अरबी के पत्ते बहुत फायदेमंद साबित होते हैं।

अरबी में कितनी कैलोरी होती है ?

100 ग्राम अरबी में 42 ग्राम कैलोरी पायी जाती है। इसके अलावा अरबी में फाइबर, प्रोटीन, आयरन और बहुत से पोषक तत्त्व पाए जाते हैं।

सन्दर्भ

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3898422/

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5622804/

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4489001/


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