Ashwagandha Khane Ke Fayde जानने से पहले आपको बता दें कि अश्वगंधा एक ऐसी जड़ी बूटी है जो हमारे पूरे शरीर के लिए फायदेमंद है। अश्वगंधा विभिन्न गुणों से भरपूर होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटी स्ट्रेस, एंटीबैक्टीरियल एजेंट और इम्यून सिस्टम को बेहतर करना व अच्छी नींद शामिल हैं।
एनसीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अश्वगंधा इम्यूनिटी को बढ़ाने, पुरुषों में यौन व प्रजनन क्षमता को बेहतर करने और तनाव को कम करने के लिए उपयोगी है। इसका उपयोग अश्वगंधा चूर्ण, Ashwagandha powder और Ashwagandha tablet, अश्वगंधा कैप्सूल के रुप में किया जाता है।
अश्वगंधा का वैज्ञानिक नाम – विथानिया सोम्निफेरा (Withania somnifera)
अन्य नाम – इंडियन जिनसेंग और इंडियन विंटर चेरी
अश्वगंधा पौधा की लम्बाई – 35-75 सेमी
भारत में अश्वगंधा की खेती कहां होती है – मध्यप्रदेश, पंजाब, राजस्थान व गुजरात।
विषय सूची
अश्वगंधा के लाभ – Ashwagandha Khane Ke Fayde
बालों के लिये फायदेमंद है अश्वगंधा – Benefits of Ashwagandha for Hair
अश्वगंधा चूर्ण (Ashgandha Churn benefits) हमारे बालों के लिये बहुत फायदेमंद है। अश्वगंधा के सेवन से हमारे बाल सफेद होना कम हो जाएंगे।
यह आयुर्वेदिक औषधि बालों में मेलानिन के उत्पाद को बढ़ाती है। मेलेनिन एक प्रकार का पिगमेंट होता है, जो बालों के प्राकृतिक रंग को बनाए रखने में मदद करता है।
एक शोध के मुताबिक, आनुवंशिक कारण (Non-classical Adrenal Hyperplasia) व थाइरायड की वजह से झड़ रहे बालों को रोकने में अश्वगंधा मदद कर सकता है। लेकिन ध्यान रहे अगर कोई इंसान किसी और बिमारी से ग्रस्त है जिसकी वजह से उसके बाल सफेद या गिर रहें हैं तो अश्वगंधा के सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह जरुर लें।
आंखों की ज्योति बढ़ाए अश्वगंधा (benefits of ashwagandha for eyes)
(Ashwagandha Benefits in Hindi ) अश्वगंधा के फायदे आंखों के लिये भी हैं। यह आंखों की रोशनी बढ़ाते हैं। इसके लिये 2 ग्राम अश्वगंधा, 2 ग्राम आंवला (धात्री फल) और 1 ग्राम मुलेठी को आपस में मिलाकर, पीस लें। इस चूर्ण को सबह-शाम पानी के साथ खाएं। इससे आंखों की रौशनी बढ़ती है।
गले के रोग में अश्वगंधा फायदेमंद
ashwagandha churna khane ke fayde बहुत से हैं। यह गले के रोग को भी ठीक करता है। अश्वगंधा से लाभ लेने के लिये अश्वगंधा पाउडर को पुराने गुड़ के साथ बराबार मात्रा में मिलाकर 1/2-1 ग्राम की वटी बना लें। इस मिश्रण को सुबह-सुबह बासी जल के साथ सेवन करें। इसके अलावा अश्वगंधा के पत्ते का पेस्ट तैयार कर सकते हैं। इस पेस्ट को गण्डमाला पर लगाएं। इससे गलगंड में लाभ होता है।
कोलेस्ट्रॉल कम करने में अश्वगंधा के लाभ
टोटल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने में अश्वगंधा चूर्ण फायदेमंद हो सकता है। यह अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ाने में भी मददगार है। इसके लिये आप ashwagandha capsule khane ke fayde भी ले सकते हैं।
वर्ल्ड जर्नल ऑफ मेडिकल साइंस के शोध में यह कहा गया है कि अश्वगंधा में हाइपोलिपिडेमिक प्रभाव होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में कुछ मदद कर सकता है।
एक अन्य शोध में कहा गया है कि अश्वगंधा खराब कोलेस्ट्रॉल को भी कम करने में मदद कर सकता है। रिसर्च के अनुसार अश्वगंधा 30 दिन में अपना लिपिड लोवरिंग प्रभाव दिखा सकता है।
अनिद्रा की समस्या दूर करने में अश्वगंधा के फायदे (Ashwagandha Benefits in Hindi)
2017 में जापान की त्सुकुबा यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट द्वारा किए गए एक रिसर्च के अनुसार, अश्वगंंधा के पत्तों में ट्राएथिलीन ग्लाइकोल नामक यौगिक होता है, जिससे गहरी नींद आती है। इसलिये नींद न आने की समस्या से जूझ रहे लोग डॉक्टर की सलाह पर अश्वगंधा का सेवन कर सकते हैं।
तनाव से बचाता है अश्वगंधा (ashwagandha for anxiety)
चूहों पर किए गए शोध के अनुसार, अश्वगंधा में एंटी-स्ट्रेस गुण मौजूद होता है। अश्वगंधा में यह एंटी-स्ट्रेस प्रभाव सिटोइंडोसाइड्स (Sitoindosides) और एसाइलस्टरीग्लुकोसाइड्स (Acylsterylglucosides) नामक दो कंपाउंड की वजह से पाया जाता है।जिससे अश्वगंधा तनाव कम करके इसके कारण होने वाली बीमारियों से बचाता है।
अश्वगंधा के फायदे पुरुषों के लिये
अश्वगंधा पुरुषों की यौन क्षमता को बेहतर कर वीर्य की गुणवत्ता में सुधार कर सकती है। 2010 में हुए एक अध्ययन के अनुसार, अश्वगंधा के उपयोग से sperm perfection के साथ-साथ उसकी संख्या में भी वृद्धि हो सकती है। यह शोध स्ट्रेस के कारण कम हुई प्रजनन क्षमता पर किया गया है।
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महिलाओं के लिए अश्वगंधा लाभ
अश्वगंधा महिलाओं में प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है। जिन महिलाओं को गर्भधारण करने में दिक्कत आ रही है या शारीरिक कमजोरी के कारण गर्भधारण नहीं हो पा रहा है, वे अश्वगंधा का उपयोग कर सकती हैं। अश्वगंधा प्रजनन क्षमता को बढ़ाने का काम करती है।
ट्यूमर, कैंसर में अश्वगंधा फायदेमंद
एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) के शोध में बताया गया है कि अश्वगंधा में एंटी-ट्यूमर एजेंट होते हैं, जो ट्यूमर को पनपने से रोक सकते हैं। साथ ही अश्वगंधा कीमोथेरेपी के नकारात्मक प्रभाव को खत्म करने में मदद कर सकता है। ध्यान रखें कि अगर कोई कैंसर से पीड़ित है, तो उसे डॉक्टर से इलाज जरूर करवाना चाहिए। साथ ही मरीज डॉक्टर की सलाह पर अश्वगंधा का सेवन कर सकता है।
डायबिटीज में अश्वगंधा पाउडर के लाभ (ashwagandha powder benefits in diabetes)
मधुमेह की बिमारी शरीर के लिये बहुत खतरनाक होती है। इस बिमारी आयुर्वेदिक औषधि अश्वगंधा में मौजूद हाइपोग्लाइमिक प्रभाव, ग्लूकोज की मात्रा को कम करने में सहायक हो सकता है।
अश्वगंधा की जड़ और पत्तों को लेकर साल 2009 में इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मोल्यूकूलर साइंस ने डायबिटीज ग्रस्त चूहों पर एक अध्ययन किया। कुछ समय बाद चूहों पर इसका सकारात्मक परिवर्तन नजर आया।
इसी वजह से कहा जा सकता है कि अश्वगंधा डायबिटीज से बचाव में उपयोगी हो सकता है।
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इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक अश्वगंधा
शरीर को स्वस्थ रखने के लिये हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होनी चाहिये। इसके लिये हमें स्वास्थयवर्धक भोजन खाना चाहिये।
इम्यूनिटी बढ़ाने के लिये अश्वगंधा के चूरन का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आप अपने शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ा सकते हैं।
ऐसा इसलिये होता है क्योंकि अश्वगंधा में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव होता है जो हमारे शरीर की जरूरत के हिसाब से इम्यूनिटी में बदलाव कर सकता है। जिससे हमारा शरीर विभिन्न प्रकार के रोगों से लड़ता है।
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मोतियाबिंद से लड़ने में अश्वगंधा सहायक
मोतियाबिंद आंखों से जुड़ी एक ऐसी बिमारी है जिससे कई बार लोगों की मौत भी जाती है। मोतियाबिंद से संबंधित मामले में हैदराबाद के कुछ वैज्ञानिकों ने अश्वगंधा पर रिसर्च की। जिसमें पाया गया कि अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो मोतियाबिंद से लड़ने में मदद कर सकते हैं। साथ ही अश्वगंधा मोतियाबिंद को बढ़ने से भी रोकने में मदद करता है।
गठिया से बचाव में सहायक अश्वगंधा
गठिया या जिसे हम अंग्रेजी भाषा में Arthritis भी कहते हैं , में अश्वगंधा बहुत ही फायदेमंद (Ashwagandha Khane Ke Fayde) दवा है। इसके संबंध में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में चूहों पर एक शोध की गई जिसमें बताया गया है कि अश्वगंधा के औषधीय गुण एंटीइंफ्लेमेटरी की वजह से इसकी जड़ के रस से अर्थराइटिस के लक्षण कम हो सकते हैं।
इसके अलावा, एनसीबीआई में मौजूद एक रिसर्च के अनुसार अश्वगंधा और सिद्ध मकरध्वज को एक साथ खाने से अर्थराइटिस की समस्या कम हो सकती है। अर्थात गठिया रोग में अश्वगंधा के लाभ ले सकते हैं।
अश्वगंधा मांसपेशियांं की मजबूती में सहायक
मांसपेशियों की मजबूती को बनाये रखने के लिए अश्वगंधा का सेवन कर सकते हैं। साथ ही अश्वगंधा दिमाग बढ़ाने में भी मदद कर सकता है। इसके सेवन से दिमाग और मांसपेशियों के बीच बेहतर तालमेल बन सकता है। अश्वगंधा कमजोरी के लिए और पैरों की मांसपेशियों की ताकत में सुधार कर सकता है। अश्वगंधा को न्यूरोमस्कुलर समन्वय को बेहतर करने के लिए भी इस जाना जाता है।
अश्वगंधा के लाभ हृदय रोग से बचाव के लिए
अश्वगंधा में कार्डियोप्रोटेक्टिव प्रभाव होता है, जो हृदय को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। इस इफेक्ट का कारण अश्वगंधा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-एपोप्टोटिक गतिविधि को माना जाता है।
इसके अलावा, अश्वगंधा में मौजूद हाइपोलिपिडेमिक प्रभाव कोलेस्ट्रॉल को कम करके हृदय को स्वास्थ्य बनाया जा सकता है।
रिसर्च के अनुसार इन गतिविधियों के अलावा एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-प्लेटलेट, एंटीहाइपरटेंसिव, हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव भी हृदय स्वास्थ्य को बेहतर रखने में मदद कर सकते हैं।
स्वस्थ मस्तिष्क के लिए अश्वगंधा के फायदे (Ashwagandha Khane Ke Fayde)
अश्वगंधा मस्तिष्क के विकार जैसे चिंता, अवसाद, तनाव इत्यादि को कम करने में सहायक है। यह याददाश्त को बेहतर रखने में भी सहायक होता है।
अश्वगंधा के बायोएक्टिव कंपाउंड्स में एंक्सियोलिटिक (Anxiolytic – एंग्जाइटी कम करने की दवा) और एंटी-डिप्रेसेंट जैसी क्रियाएं मिलती हैं। एक रिसर्च के अनुसार 5 दिनों तक अश्वगंधा का सेवन चिंता कम करने वाली दवा के जैसा प्रभाव दिखा सकता है।
स्किन संबंधी बिमारियों में अश्वगंधा के फायदे
जैसा कि अभी तक आप जान ही चुके होंगे कि अश्वगंधा में पर्याप्त मात्रा में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। जिससे यह त्वचा की सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। त्वचा में जहां सूजन है, वहां अश्वगंधा पेस्ट को लगाया जा सकता है।
त्वचा में सूजन क्यों आती है
त्वचा में सूजन आने का कारण बैक्टिरिया स्टैफिलोकोकस ऑरियस है, जिसके इंफेक्शन की वजह से चेहरे में सूजन आती है। इस इंफेक्शन के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया बेअसर कर त्वचा की सूजन को अश्वगंधा में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण कम कर सकता है।
साथ ही यह एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर में बनने वाले फ्री रेडिकल्स से लड़कर बढ़ती उम्र के लक्षणों जैसे झुर्रियां व ढीली त्वचा को बचा सकता है।
कोर्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) के स्तर को कम करने में अश्वगंधा सहायक (Ashwagandha Khane Ke Fayde)
एनसीबीआई द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार अश्वगंधा का प्रयोग कोर्टिसोल को कम करता है। इसके लिए डॉक्टर से सलाह पर प्रतिदिन अश्वगंधा के सप्लीमेंट्स ले सकते हैं।
कोर्टिसोल क्या है
कोर्टिसोल (Cortisol) शारीरिक परिवर्तन में जिम्मेदार एक हार्मोन है। जिसे स्ट्रेस हार्मोन्स भी कहते हैं। जब रक्त में इस हार्मोन का स्तर बढ़ता है, तो शरीर में फैट और स्ट्रेस का स्तर भी बढ़ने लगता है। इससे शरीर को विभिन्न प्रकार के नुकसान हो सकते हैं। इसलिए, कोर्टिसोल के स्तर को कम करना जरूरी है।
अश्वगंधा के पौष्टिक तत्व – Ashwagandha Nutritional Value in Hindi
पोषक तत्व | अश्वगंधा पाउडर (प्रति 100 ग्राम) |
मॉइस्चर | 7.45% |
ऐश | 4.41g |
प्रोटीन | 3.9 g |
फैट | 0.3g |
क्रूड फाइबर | 32.3g |
ऊर्जा | 245 Kcal |
कार्बोहाइड्रेट | 49.9 g |
आयरन | 3.3 mg |
कैल्शियम | 23 mg |
कुल कैरोटीन | 75.7 µg |
विटामिन-सी | 3.7 mg |
अश्वगंधा के नुकसान – Side Effects of Ashwagandha in Hindi
अभी तक आपने जाना अश्वगंधा के फायदे के बारे में। लेकिन जैसा कि हम पहले भी बता चुके हैं कि किसी भी चीज का ज्यादा मात्रा में सेवन करना या गलत डोज लेना या गलत तरीकों से खाने से उसका हमारे शरीर पर विपरीत असर पड़ता है। तो आईये जानते अश्वगंधा के नुकसान के बारे में…
- अधिक मात्रा में अश्वगंधा के सेवन से पेट में परेशानी हो सकती है। अश्वगंधा की ज्यादा खुराक से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की परेशानी, दस्त और उल्टी जैसी परेशानी हो सकती है।
- इसलिए, जब आप अश्वगंधा का सेवन कर रहे हों तो इस दौरान शराब या अन्य मादक पदार्थों के सेवन से बचना चाहिये। नहीं तो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में अवसाद पैदा हो सकता है।
- अश्वगंधा की तासीर गर्म होती है। अन्यथा गर्मियों में इसका सेवन सीमित मात्रा में या डॉक्टरी सलाह के बाद ही इसका सेवन करें।
- अगर आप नींद न आने की समस्या से ग्रसित हैं तो आप रात को अश्वगंधा खाने से बचें। क्योंकि अश्वगंधा में ऐसे कम्पाउंड होते हैं वे दिमाग को एक्टिव कर देते हैं जिससे यह नींद में बेचैनी या नींद न आने की समस्या पैदा कर सकते हैं।
- अधिक मात्रा में अश्वगंधा के सेवन से इम्यूनिटी पावर कम हो सकता है। जिससे शरीर विभिन्न रोगों से लड़ने में कमजोर हो जाता है। साथ ही अधिक सेवन से शरीर पर दवाओं का असर भी नहीं होता है।
अन्य नुकसान जानने के लिये लेख पढ़ते रहें…
- लो बीपी की समस्या से ग्रसित लोगों को अश्वगंधा के सेवन से बचना चाहिये या सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह जरुर लेनी चाहिये। क्योंकि अश्वगंधा का अधिक सेवन या गलत सेवन बीपी को और कम कर सकता है।
- जैसे कि आपको अश्वगंधा से होने वाले लाभ में बताया गया है कि इसके सेवन से डायबिटीज की समस्या दूर होती है। लेकिन इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर आप मधुमेह की दवाइयां ले रहें हैं तो आपको अश्वगंधा के सेवन नहीं करना चाहिये। नहीं तो आपके शरीर पर इसका उल्टा असर पड़ सकता है। साथ ही शुगर लेवल कम वाले लोगों को इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिये। लो शुगर की समस्या को यह और बढ़ा सकता है।
- अगर कोई थाइरॉयड का पेशेंट है तो उसे अश्वगंधा के सेवन से बचना चाहिये। क्योंकि यह हॉर्मोन के लेवल को बढ़ा सकता है। जिससे थाइरॉयड की प्रॉब्लम और बढ़ सकती है।
गर्भवस्था में अश्वगंधा का सेवन
प्रेगनेंसी के दौरान इस बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिये कि आप किस चीज के सेवन कर रहें है और क्या हमारे लिये फायदेमंद है। इसके लिये गर्भवती महिला को अपने डॉक्टर की सलाह जरुर लेनी चाहिये। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के अश्वगंधा के सेवन से बचना चाहिये। अश्वगंधा से एस्ट्रोजन हॉर्मोन का लेवल बढ़ सकता है, जो ब्लीडिंग या सिरदर्द जैसी समस्याएं दे सकता है। माना जाता है कि इसकी अधिक मात्रा गर्भपात का कारण बन सकती है।
प्रेगनेन्सी में अश्वगंधा के लाभ
प्रेगनेंसी के दौरान अश्वगंधा का सेवन करने से स्ट्रेस और मैटाबॉलिक समस्याओं से निजात मिलती है। इसके शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के स्वास्थ्य में सुधार करता है। साथ ही अश्वगंधा महिलाओं की प्रजनन क्षमता को बढ़ाने और उसे स्वस्थ करने में मदद करता है। अश्वगंधा के सेवन से प्रेगनेंसी के दौरान मां और शिशु में आई थायरॉयड की समस्या को भी टाला जा सकता है।
अश्वगंधा का सेवन कैसे करें – How to take Ashwagandha in Hindi
अश्वगंधा का सेवन विभिन्न तरह से किया जा सकता है। अश्वगंधा के चूर्ण को दूध, पानी, शहद या फिर घी में मिलाकर खा सकते हैं। इसके अलावा, अश्वगंधा कैप्सूल, अश्वगंधा चाय और अश्वगंधा का रस का भी सेवन कर सकते हैं।
अश्वगंधा के सेवन से दूर भगाएं ये बीमारियां, देखें वीडियो –
ज्यादातर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
अश्वगंधा का सेवन कब करें
खाना खाने के बाद अश्वगंधा का सेवन किया जा सकता है। कई लोग खाली पेट भी इसका सेवन करते हैं लेकिन कभी कभी यह खाली पेट नुकसान कर सकता है। इसलिए अश्वगंधा के सेवन से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर या नेचुरापैथी एक्सपर्ट से सलाह लेकर इसका सेवन करना चाहिये।
अश्वगंधा और दूध पीने से क्या होता है?
अश्वगंधा के सेवन से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिये रोजाना एक गिलास दूध में एक चम्मच अश्वगंधा और शहद मिलाकर पीने से पाचन तंत्र ठीक रहता है।
क्या अश्वगंधा को गर्मियों में खा सकते हैं?
अश्वगंधा की तासीर गर्म होती है। यह शरीर में आवश्यक मात्रा में पित्त की वृद्धि करती है। इससे सर्दियों में ठंड नहीं सताती है। जिन लोगों को अधिक ठंड लगती है, उन्हें अश्वगंधा की चाय का सेवन करना चाहिए।
अश्वगंधा कब और कैसे खाएं?
पानी, शहद या फिर घी में मिलाकर अश्वगंधा चूर्ण का सेवन किया जा सकता है। इसके अलावा, अश्वगंधा कैप्सूल, अश्वगंधा चाय और अश्वगंधा का रस भी मार्केट और ऑनलाइन आसानी से मिल जाता है। रात में सोने से पहले दूध के साथ इसका सेवन फायदेमंद रहता है। इसके अलावा इसे खाना खाने के बाद भी लिया जा सकता है।
हाइट बढ़ाने के लिए अश्वगंधा का सेवन कैसे करें?
अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक औषधी है जिसका वैज्ञानिक नाम (जिनसेंग) है। इसमें ऐसे कई तत्व पाए जाते हैं जो कि हड्डियों के निर्माण में हेल्प करते हैं जिनसे हाइट हार्मोन्स भी जल्दी डेवलप होते हैं। इसके लिए रात में दूध में अश्वगंधा पाउडर डालकर पीने से आपकी हाइट बढ़ने के चांसेज बढ़ सकते हैं।