चक्कर आने के आयुर्वेदिक उपचार बहुत से हैं। ये उपचार करने से पहले यह जानना जरूरी होता है कि चक्कर आने का कारण क्या है। अगर समय से यह पता चल जाए कि चक्कर आने की वजह क्या है तो आसानी से उपचार किया जा सकता है। चक्कर आने की कई वजह हो सकती हैं जैसे तनाव, चिंता, पानी की कमी, भोजन की कमी, अचानक उठने के कारण, कभी कभी गलत या दवाओं का हाई डोज लेने पर चक्कर आ सकता है।
इसके अलावा कभी कभी किसी बड़ी या गंभीर बिमारी के कारण भी चक्कर आ सकते हैं। जैसे माइग्रेन, विटामिन बी, डी, आयरन की कमी, ब्लड प्रेशर की समस्या में चक्कर आ सकता है। इसके लिये आपको किसी डॉक्टरी सलाह जरूर लेनी चाहिये।
वहीं अगर चक्कर आने के लक्षण की बात करें तो इनमें मुख्य रूप से सिर घूमना, शरीर के अंगों में कमजोरी महसूस करना, आंखों के आगे अंधेरा छा जाना, शरीर में सनसनी जैसा महसूस होना हैं, जो कि नॉर्मल लक्षण होते हैं। इनसे घबराने की जरूरत नहीं है। जब तक कि आपको पहले से कोई गंभीर बीमारी न हो।
इस आर्टिकल के माध्यम से आपको चक्कर आने के कारण, चक्कर आने के लक्षण, चक्कर आने पर घरेलू उपचार व चक्कर आने के आयुर्वेदिक उपचार के बेर में जानने के मिलेगा। इसलिये आर्टिकल को अंत तक पूरा पढ़ें…
विषय सूची
चक्कर आने का कारण – Reason of Dizziness in hindi
चक्कर हमें कई कारणों से आ सकते हैं। जिनमें से मुख्य कारण नीचे बताए गये हैं।
- तनाव और चिंता
- दवाओं के कारण
- विटामिन बी, डी, आयरन की कमी के कारण
- ब्लड प्रेशर कम होना
- शारीरिक कमजोरी, हड्डियां कमजोर होने के कारण
- डिहाइड्रेशन
- इम्युनिटी का कमजोर होना
- मोशन सिकनेस के कारण
- लंबे वक्त तक खड़े रहना
- अधिक तली चीजों का सेवन
- बढ़ती उम्र के कारण
- एनीमिया से पीड़ित होने पर
- कान का संक्रमण
- माइग्रेन की समस्या के कारण
- वर्टिगो
- इंटरनल इयर प्रॉब्लम
अभी हमने जाना Chakkar aane ke karan क्या क्या हैं, लेकिन कभी कभी किसी बड़ी बिमारी की वजह से भी चक्कर आ सकते हैं। इसके अलावा ध्यान दें कि कोई भी दवा लेने से पहले या कोई भी गंभीर बिमारी होने पर डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। आर्टिकल में आगे पढ़िये चक्कर आने के लक्षणों क्या हैं…
चक्कर आने के लक्षण – Symptoms of Dizziness in Hindi
- एक ही वस्तु के कई प्रतिरूप दिखाई देना चक्कर आने के लक्षणों में से एक है। इसे डिप्लोपिया (diplopia) कहते हैं।
- दिल की धड़कन का अनियमित हो जाना
- वर्टिगो (vertigo) यानि कि सिर का घूमना।
- किसी एक स्थिति में बैठने या रहने में मुश्किल होना।
- कभी कभी ऐसे होता है कि अचानक से बोलने में कठिनाई होने लगती है या फिर पीड़ित क्या बोल रहा है हमें समझ में नहीं आता इसे डिसरथ्रिया (dysarthria) कहते हैं।
- संतुलन खो बैठना
- हल्का सिर दर्द व बेहोशी महसूस करना।
- शरीर के अंगों में कमजोरी महसूस होना भी चक्कर आने के लक्षण हैं। इसे लिम्ब वीकनेस ( limb weakness) कहते हैं।
- भ्रम की स्थिति
- शरीर में सनसनी जैसा महसूस होना भी चक्कर के लक्षण हैं। इसे डिसथेसिया (dysesthesia) के नाम से जाना जाता है।
- जी मिचलाना
- सिर का एक तरफ झुक जाना।
- किसी भी गतिविध में शरीर का असंतुलित हो जाना जिसे अटैक्सिया (ataxia) कहते हैं।
- खड़े होने या बैठने पर नियंत्रण खोना।
- खुद को आगे और पीछे की ओर गिरता हुआ महसूस करना।
- नीचे जमीन को देखकर अपनी स्थिति का पता करने की प्रवृत्ति।
चक्कर आने पर क्या करें/ चक्कर आने पर उपचार – Treatment of Dizziness in Hindi
चक्कर आने के आयुर्वेदिक उपचार कई सारे हो सकते हैं। चक्कर आने पर सबसे पहले किसी भी स्थान पर लेट जाना चाहिये। कभी कभी पानी की कमी के कारण या अधिक धूप में रहने के कारण भी चक्कर आ जाते हैं। इसके लिये पहले थोड़ा थोड़ा करके पानी पिना चाहिये। साथ ही किसी छायादार स्थान पर बैठ जाना चाहिये। ये कुछ आसान तरीके हैं। इसके अलावा कई ऐसे ट्रीचटमेंट भी हैं जिसे आप आगे पढ़ेंगे…
एक्यूपंक्चर और फिजिकल थेरेपी
कई लोगों को चक्कर आने की ज्यादा समस्या होती है। इस समस्या को एक्यूपंक्चर और फिजिकल थेरेपी के जरिए खत्म किया जा सकता है। फिजिकल थेरेपी में खासतौर पर वेस्टिबुलर रिहैबिलिटेशन (Vestibular Rehabilitation) कराया जाता है, इससे शरीर का संतुलन बना रहता है।
लाइटहेडेड के कारण चक्कर आने पर क्या करें
लाइटहेडेड के अंतर्गत हमें ऐसा महसूस होता है जैसे हम (Chakkar aane ke karan) बेहोश हो कर गिरने वाले हैं। शरीर और सिर भारी होने लगता है। आंखों के सामने धुंधला और शरीर का बैलेंस बनाने में असर्थता महसूस होती है। यह चक्कर ज्यादातर तब आता है जब लेट कर या बैठ कर अचानक उठ जाते हैं। ऐसी अवस्था में हम जिस आसन में बैठें या लेटे हैं उसी अवस्था में फिर हो जाना चाहिये। अगर लेटे हैं तो तो पहले उठकर बैठें फिर खड़े होना चाहिये। वहीं अगर आप खड़े हो रहे हैं तो आप किसी भी चीज का सहारा लें।
वर्टिगो के कारण चक्कर आने पर क्या करना चाहिये
वर्टिगो के अंतर्गत शरीर के घूमने के एहसास होत है या असंतुलन की अनुभुति होती है। इस समय जी मिचलाना, उल्टी आना, अधिक पसीने आना अथवा चलने में अस्थिरता का एहसास हो सकता है। ऐसे में शरीर और सिर को न हिलाएं क्योंकि इससे और ज्यादा चक्कर आ सकता है।
तेज रोशनी या ध्वनि से बचें
कभी कभी तेज रोशनी या ध्वनि के कारण चक्कर आने की संभावना हो जाती है। ऐसी स्थिति में तेज शोर या रोशनी वाली चीजों से बचना चाहिये। वहीं हमें ज्यादा देर तक किताबें पढ़ने पर या लगातार टीवी देखने पर, लगातार गाने सुनने पर भी चक्कर का आभास होता है। ऐसे में रुक रुक कर कुछ समय के अंतराल पर काम को करना चाहिये। यात्रा के दौरान किताब पढ़ने से बचें और फोन का प्रयोग न करें।
मादक पदार्थों के सेवन से बचें
कैफीन, शराब, तंबाकू, ज्यादा नमक के सेवन से बचना चाहिये। तनाव से बच रहें। किसी भी दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरुर लें।
अभी तक आपने जाना कि चक्कर आने पर क्या करें, चक्कर आने लक्षण और Chakkar aane ke karan। आशा करते हैं कि यह लेख आपको काफी लाभ पहुंचाएगा। कभी कभी हम ऐसी स्थिति में होते हैं कि अचानक चक्कर आने पर हम जल्द से जल्द कोई दवा या हॉस्पिटल नहीं जा पाते हैं। ऐसी स्थिति में हमें कुछ चक्कर आने पर घरेलू उपाय के बारे में पता होना चाहिये। तो आगे हम इस लेख में चक्कर आने के आयुर्वेदिक उपचार या चक्कर आने पर क्या घरेलू उपाय करें इसके बारे में जानेंगे…
चक्कर आने के आयुर्वेदिक उपचार – Ayurvedic Treatment of Dizziness in Hindi
चक्कर आने के आयुर्वेदिक उपचार या चक्कर में घरेलू उपाय जानना बहुत जरूरी है, क्योंकि कभी कभी ऐसा होता है कि हमें अचानक किसी कारण से चक्कर, थकान, कमजोरी महसूस होती है और फिर हम कुछ इंस्टैंट इलाज नहीं कर पाते। इसलिये नीचे दिये गये उपचार को जरूर पढ़ें। लेकिन ध्यान रहे कि आपको पहले से कोई बीमारी न हो, जिसकी वजह से चक्कर आ सकते हैं। इसके अलावा कोई भी इलाज करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
चक्कर आने के आयुर्वेदिक उपचार है अदरक
अदरक एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो ज्यादातर सभी घरों में पाया जाता है। यात्रा करते समय अगर आपको चक्कर आता है तो आप अदरक का सेवन कर सकते हैं। अदरक के छोटे छोटे टुकड़े कर लें और इसे खाते रहें। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार अदरक में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो चक्कर आने की समस्या में लाभदायक साबित हो सकते हैं (*)
इसके अलावा चक्कर की समस्या से बचने के लिये अदरक की चाय का सेवन करें। यह शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ाता है, ब्रेन को रिलैक्स करता है। इसके साथ ही अदरक की चाय के सेवन से मितली और घबराहट की समस्या भी दूर होती है।
चक्कर आने का घरेलू उपचार है नींबू
चक्कर आने की समस्या से बचने के लिये नींबू का इस्तेमाल कर सकते हैं। नींबू विटीमिन सी से भरपूर होता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी पावर) को बढ़ाता है। चक्कर आने से बचने के लिये नींबू का कई तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं(*)।
- नींबू को पानी में मिलाकर थोड़ी सी चीनी डालकर पी सकते हैं।
- इसके अलावा नींबू को पानी में मिलाकर थोड़ी सी काली मिर्च व नमक से साथ मिलाकर पी सकते हैं।
वर्टिगो में शहद का इस्तेमाल करें
चक्कर आने के आयुर्वेदिक उपचार में शहद का उपयोग कर सकते हैं। वर्टिगो की समस्या को ठीक करने में शहद का इस्तेमाल कर सकते हैं। एनसीबीआई की रिसर्च के अनुसार, शहद में पोषक तत्वों के रूप में अधिक ऊर्जा की मात्रा पाई जाती है। इसका सेवन करने के तुरंत बाद शरीर को कैलोरी मिलती है(*)।
शहद का इस्तेमाल करने के लिये एक गिलास पानी में दो चम्मच शहद (शुद्ध) और करीब एक चम्मच सेब का सिरका मिलाकर इस पानी का सेवन करें। सेब का सिरका न हो तो एक चम्मच नींबू के रस को भी पानी में मिलाकर पी सकते हैं।
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तुलसी का अर्क (रस) चक्कर आने पर फायदेमंद
तुलसी का पौधा लगभग हर घरों में पाया जाता है। इसकी पत्तियों कर रस कई सारी बिमारियों में फायदा पहुंचाता है। चक्कर आने की समस्या में तुलसी के पौधे के अर्क फायदेमंद हो सकता है। क्योंकि तुलसी में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। चक्कर आने की समस्या में तुलसी के अर्क का सेवन करने से फायदा हो सकता है(*)।
चक्कर आने पर घरेलू उपचार है पुदीना
चक्कर आने की समस्या से बचने के लिये पुदीना की पत्तियों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे सिर घूमने, मितली, घबराहट की समस्या से बचा जा सकता है। इसके लिये पुदीना की चाय पी सकते हैं। पुदीने की चाय बनाने के लिए सूखे हुए पुदीने या हरे पुदीने की 6 से 7 पत्तियां पानी में डालकर धीमी आंच पर पकाएं। फिर 10 से 15 मिनट बाद इसे छानकर पियें।
सिरदर्द या चक्कर आने पर आंवले का इस्तेमाल करें
आंवले में एंटीमाइक्रोबियल व एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। एक वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार आंवले के गूदे को सिर पर लगाने से सिरदर्द और चक्कर आने की समस्या को दूर किया जा सकता है। साथ ही इसका रस भी फायदेमंद है। इसके लिये दो-तीन बूंद सरसों का तेल को आंवले के गूदे का पेस्ट में मिला लें। अब हल्के हाथों इसे स्कैल्प पर लगाएं। करीब 30 मिनट के बाद सिर को शैम्पू से धो लें। इससे आपको काफी राहत मिलेगी(*)।
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खूब पानी पियें और लंबी सांस लें
हम पहले भी बता चुके हैं कि डिहाइड्रेशन के कारण भी चक्कर आने की समस्या हो सकती है। इसलिये जितना हो सके उतना पानी पियें। इसके साथ ही लंबी गहरी सांस लें। इससे हमारे शरीर में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचती है और चक्कर से आराम मिलता है।
यह तो हमने आपको हल्के चक्कर आने पर कुछ घरेलू नुस्खे बताये। लेकिन आपके यह लक्षण हैं जैसे – बेहोश होना, छाती में दर्द, उल्टी, तेज बुखार, दिखाई देने या सुनने में में समस्या, सिर पर चोट लगना, अचानक जोर से सिरदर्द होना, बोलने में कठिनाई हो तो आप तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। क्योंकि कभी कभी इन परेशानियों के पीछे कोई बड़ा कारण भी हो सकता है।
चक्कर आने की समस्या से बचने के लिये क्या खाएं
- आयरन से समृद्ध खाद्य पदार्थ जैसे पालक, बादाम, खजूर, फोर्टिफाइड नाश्ता और ऐस्पैरागस खाएं।
- फोलिक एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे हरी सब्ज़ियां, अंकुरित अनाज, फोर्टिफाइएड अनाज, मूंगफली, केला और ब्रोकोली खाएं।
- विटामिन सी से समृद्ध खाद्य पदार्थ जैसे संतरा, नींबू, ब्रोकोली, अंगूर और पालक खाएं।
चक्कर की समस्या को दूर करने के लिये कौन से योग करने चाहिये – देखें वीडियो
अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल -FAQ
अगर बार बार चक्कर आए तो क्या करना चाहिए?
– सूखा धनिया या धनिया सीड्स का सेवन करें
– अदरक की चाय पिएं
– पुदीना पत्ती की चाय है लाभकारी
– हर्बल-टी और काढ़ा पिएं
चक्कर आना कौन सी बीमारी के लक्षण?
– निम्न रक्तचाप
– लंबे समय तक तनाव और चिंता
– विटामिन बी की कमी होना
– शरीर में विटामिन डी की कमी होना
– शरीर में आयरन की कमी होना
– शारीरिक कमजोरी होना
– हड्डियों का कमजोर होना
– शरीर में इम्युनिटी का कमजोर होना
सिर में चक्कर आने का कारण क्या है?
चक्कर आने के पीछे कई सारे कारण हो सकते हैं जैसे कि ब्लड प्रेशर लो रहना,आपकी लाइफस्टाइल, खाना पीना का सेवन या नींद के कमी के कारण भी चक्कर आ सकते हैं। इसमें व्यक्ति को कुछ भी समझ नहीं आता है, वे सही से खड़ा भी नहीं हो पाता।
क्या गैस से चक्कर आते है?
हां, गैस बनने से चक्कर आ सकते हैं।
सिर का भारीपन कैसे दूर करे?
अगर आपको काम करने के बाद सिर में भारीपन या दर्द महसूस हो रहा है तो आप जल्दी से पानी पीना शुरू कर दें। ऐसे में ध्यान रखें कि आप एक बार में ही ज्यादा पानी न पिएं बल्कि थोड़ा-थोड़ा पानी पीएं। इससे आपका शरीर पूरी तरह से हाइड्रेटिड रहता है और आपका सिर भी हल्कापन महसूस करने लगता है।