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कोलेस्ट्रॉल कम करने का रामबाण इलाज – Cholesterol Control Home Remedies in Hindi

कोलेस्ट्रॉल कम करने का रामबाण इलाज

कोलेस्ट्रॉल कम करने का रामबाण इलाज – कोलेस्ट्रॉल को हिंदी भाषा में पित्तसांद्रव कहते हैं। यह मोम जैसा एक पदार्थ होता है जो यकृत (Liver) से उत्पन्न होता है। कोलेस्ट्रॉल मनुष्य के साथ साथ पशुओं की कोशिका झिल्ली (Cell membrane) समेत पूरे शरीर में पाया जाता है। कोलेस्ट्रॉल Cell membrane का बहुत ही महत्वपूर्ण भाग होता है, क्योंकि उचित मात्रा में पारगम्यता और तरलता स्थापित करने में यह सहायक होता है। कोलेस्ट्रॉल शरीर में हार्मोन्स, बाइल जूस, विटामिन डी, और पित्त का निर्माण करता है, जो शरीर के अंदर पाए जाने वाले वसा को पचाने में सहायक होता है।

इस लेख में हम जानेंगे कि हमारे शरीर में cholesterol का क्या काम है और यह कैसे बनता है और कोलेस्ट्रॉल कम करने का रामबाण इलाज क्या है…

Cholesterol in hindi meaning : Cholesterol को हिंदी में पित्तसांद्रव कहते हैं।

शरीर में कितना कोलेस्ट्रॉल होना चाहिए

बॉडी में टोटल कोलेस्ट्रॉल लेवल 200 mg/dl से कम होना ठीक रहता है। एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल 100 mg/dl से कम, एचडीएल यानि गुड कोलेस्ट्रॉल 60 mg/dl से ज्यादा और ट्राइग्लिसराइड 150 mg/dl से कम होना बेहतर है। कोलेस्ट्रॉल शरीर के सभी हिस्सों में रक्त पहुंचाने का कार्य करता है। 

कोलेस्ट्रॉल के स्रोत – Source of Cholesterol in Hindi

हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल भोजन के माध्यम से पहुंचता है। इनमें मुख्य रूप से मांसाहारी आहार शामिल होते हैं जैसे अंडे, मांस, मछली इत्यादि। वहीं अगर शाकाहारी भोजन की बात करें तो इसका स्त्रोत डेयरी उत्पाद होते हैं। शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लगभग 25 प्रतिशत उत्पादन यकृत के माध्यम से होता है।

कोलेस्ट्राल शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई

कोलेस्ट्राल शब्द की उत्पत्ति यूनानी शब्द कोले और और स्टीयरियोज (ठोस) से बना है और आखिर में रासायनिक प्रत्यय ओल जुड़ा हुआ है। फ्रेंकोइस पुलीटियर दी ला सैले ने 1769 में गैलेस्टान में इसे ठोस रूप में पहचाना था। 1815 में रसायनशास्त्री यूजीन चुरवेल ने इसका नाम कोलेस्ट्राइन रखा था।

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण
कोलेस्ट्रॉल

कोलेस्ट्रॉल कम करने का रामबाण इलाज – How to Control Cholesterol in Hindi

अधिक मात्रा में बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिये काफी नुकसानदायक होता है। इसे समय के साथ नियंत्रित कर लिया जाए तो बेहतर होता है। तो आइये जानते हैं कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के रामबाण इलाज के बारे में…

1. धनिया का बीज – best food for cholesterol control in hindi

कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिये धनिया के बीज का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिये एक कप पानी में दो चम्मच धनिया के बीज का पाउडर डालकर उबालें फिर साफ कपड़े या छन्नी से छान लें। इस पानी को दिन भर में एक या दो बार पियें। इस मिश्रण या पानी की चाय भी बना कर पी सकते हैं। यानि कि इसमें दूध, चीनी और इलायची डालकर इसकी चाय बनाकर पी सकते हैं।

2. नट्स (ड्राई फ्रूट्स) कोलेस्ट्रॉल में फायदेमंद

कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में सूखे मेवे जैसे – अखरोट, पिस्ता, Badam Khane Ke Fayde, बीज, मूंगफली आदि फायदेमंद होता है। अखरोट के सेवन से विशेष रूप से कुल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का स्तर कम होता है। लेकिन ध्यान रहे किसी भी मेवे का आवश्यकता से ज्यादा इस्तेमाल न करें। उससे बेहतर है कि आप अपने खानपान और जीवनशैली पर ध्यान दें। अपने आहार में विटामिन सी समृद्ध आहार शामिल करें, इससे आपका कोलेस्ट्रॉल सामान्य रहेगा।

3. कोलेस्ट्रॉल में संतरे का जूस फायदेमंद

संतरा कोलेस्ट्रॉल कम करने का रामबाण इलाज में सबसे कारगर फल होता है क्योंकि संतरे में विटामिन C प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसका कारण है कि इसमें विटामिन सी, फोलेट और फ्लेवोनोइड पाया जाता है। अध्ययन के अनुसार संतरे का जूस रोजाना पीने से एचडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्रायग्लिसराइड्स में वृद्धि होती है। साथ ही हाइपरकोलेस्ट्रोलेमोलिक रोगियों में एलडीएल / एचडीएल के अनुपात में कमी देखने को मिलती है। संतरे के जूस में स्टेरोल के गुण होने से ये और भी ज़्यदा प्रभावी हो जाता है। अध्ययनों के अनुसार एक दिन में लगभग 3 ग्राम फाइटोस्टोरोल का सेवन आपके कुल कोलेस्ट्रॉल को 11% और एलडीएल को 15% तक कम कर सकता है।

4. कोलेस्ट्रॉल में लाल प्याज के फायदे

कोलेस्ट्रॉल को समस्या को कम करने के लिये लाल प्याज से काफी फायदा मिल सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार प्याज ख़राब कोलेस्ट्रॉल को कम करती है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाती है। साथ ही यह हृदय रोग के खतरे को भी कम करती है। कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाये रखने के लिये एक चम्मच प्याज का रस और एक चम्मच शहद (पढ़ें शहद खाने के फायदे) के साथ मिलाकर रोज़ाना दिन में एक बार पियें। इसके अलावा एक कप छाछ में कटी हुई प्याज और एक चम्मच काली मिर्च मिला पीने से भी कोलेस्ट्रॉल को कम नियंत्रित किया जा सकता है।

5. मछली का तेल फायदेमंद

मछली का तेल या फैटी मछली जैसे मैकेरल, टूना, ट्राउट, हेरिंग, सैल्मन, ब्लूफिश, सार्डिन ओमेगा -3 में फैटी एसिड भरपूर मात्रा में होता है। यह सभी ट्राइग्लिसराइड्स (खून में वसा) को कम करने और हृदय रोग को रोकने में सहायक होता है। इसके लिये मरीज को डॉक्टर की सलाह पर अपने शरीर के हिसाब से मछली के तेल का उपयोग कर सकते हैं। वहीं शाकाहारी लोग अलसी के बीज का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह ओमेगा -3 फैटी एसिड का भरपूर स्त्रोत है।

6. आंवला कोलेस्ट्रोल में फायदेमंद

आंवला हमारे बीच एक प्राकृतिक हाईपोलिपिडेमिक के रूप में कार्य करता है। इसका अर्थ होता है कि यह सीरम में लिपिड सांद्रता को कम करने में मदद करता है। एक अध्ययन से पता चला है कि इस फल में एंटीहाइपरलिपिडेमिक, एंटी-एथ्रोजेनिक, और हाइपोलिपिडेमिक का प्रभाव शामिल है। कोलेस्ट्रोल में आंवला के इस्तेमाल के लिये एक चम्मच आंवला का पाउडर या फिर सूखे आंवला को गर्म पानी में डालें और सुबह इस पानी को खाली पेट पिएं।

7. सेब सिरका फायदेमंद

कुल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने में सेब सिरका मदद करता है। सेब के सिरके का इस्तेमाल करने के लिये एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब सिरका मिलाएं और इस मिश्रण को पी जाएँ। यह प्रक्रिया को एक महीने के लिए दिन दो या तीन बार ज़रूर पियें। इसमें ताजा संतरे का जूस, सेब का जूस, अंगूर का जूस, या अन्य फलों के जूस के साथ मिक्स कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें – पेट कम करने में सेब के सिरके के फायदे

8. अर्जुन की छाल कोलेस्ट्रॉल

धमनियों में जमने वाले कोलेस्ट्रॉल और ट्रायग्लूसराइड को कम करने में अर्जुन की छाल बहुत फायदेमंद होती है। इससे दिल को रक्त पहुंचाने वाली धमनियां सुचारू रुप से काम करने लगती हैं। इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लूसराइड का ज्यादा बढ़ना दिल के लिए घातक हो जाता है। इससे कई बार हार्ट अटैक आने का भी खतरा रहता है।

9. यह 5 जूस दिला सकते हैं कोलेस्ट्रॉल से राहत – 5 Juice for Cholesterol Treatment in Hindi

Cholesterol Treatment में जूस भी मदद कर सकते हैं। जो निम्न हैं..

i. अनार का जूस पीने के फायदे

अनार का जूस है कोलेस्ट्रॉल कम करने का रामबाण इलाज। इसमें हाई एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो LDL cholesterol के स्तर को कम कर सकता है। साथ ही Pomegranate Juice धमनियों से प्लॉक को कम करता है व ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है जिससे हृदय स्वास्थ बेहतर रहता है।

ii. संतरे का जूस पीने के फायदे

Orange Juice फैट व सोडियम फ्री, विटामिन व खनिजों से भरपूर होता है जो शरीर में हाई कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में सहायता करता है। इसके अलावा यह गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में भी मदद करता है। संतरे के जूस उपयोग डिटॉक्सिंग में भी कर सकते हैं।

iii. टमाटर का जूस है कोलेस्ट्रॉल कम करने का रामबाण इलाज

टमाटर में लाइकोपीन नामक यौगिक अच्छी मात्रा में होता है, जो लिपिड के स्तर में सुधार करने में मदद कर सकता है व खराब LDL cholesterol को कम कर सकते हैं। इसके अलावा इसका नियासिन तत्व भी कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने में मदद करता है।

iv. कोलेस्ट्रॉल कम करने का रामबाण इलाज ओट्स ड्रिंक

Oats Drink (जई) में बीटा-ग्लूकेन्स होते हैं, जो आंत में एक जेल जैसा पदार्थ बनाते हैं और पित्त के साथ परस्पर क्रिया करते हैं, जिससे कोलेस्ट्रॉल का अवशोषण कम होता है। इसके अलावा कुछ शोध बताते हैं कि प्रति दिन लगभग 3 ग्राम बीटा-ग्लूकेन्स का सेवन करने से एलडीएल में 7% की कमी हो सकती है।

v. पंपकिन जूस कोलेस्ट्रॉल कम करने का रामबाण इलाज

कद्दू अपने आप में एक बहुत फायदेमंद सब्जी है। इसके बीज से लेकर जूस तक की सभी रेसिपी शरीर को विभिन्न तरह से फायदा पहुंचा सकती है। कद्दू के रस में काफी शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जिनमें पॉलीफेनोलिक यौगिक और बीटा-कैरोटीन शामिल हो सकते हैं। दोनों ही कोलेस्ट्रॉल जमा होने से और धमनियों को सख्त होने से रोकने में मदद कर सकते हैं।

कोलेस्ट्रॉल कम करने का रामबाण इलाज, देखें वीडियो-

कोलेस्ट्रॉल कम करने की एक्सरसाइज – Reduce Cholesterol Exercise

कोलेस्ट्रॉल कम करने का रामबाण इलाज के लिए व्यायाम क्या क्या कर सकते हैं। कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिये high cholesterol exercise करें। cholesterol control करने के लिये सबसे ज्यादा जरुरत होती है दिनचर्या या जीवनशैली सुधारने की। अगर आप अपने खानपान के रुटीन, एक्सरसाइज इत्यादि को नियमित रुप से करेंगे तो आपका कोलेस्ट्रॉल हमेशा नियंत्रित रहेगा। यहां आपको साधारण लेकिन प्रभावशाली एक्सरसाइज के बारे में जानकारी दी जा रही है जिससे आप अपना कोलेस्ट्रॉल ठीक कर सकेंगे।

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण – Causes of Cholesterol

कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने का काम यकृत या लिवर का होता है। लेकिन कभी कभी खानपान में लापरवाही या अन्य किसी कारणों से यह अनियंत्रित हो जाता है। यहां कोलेस्ट्रॉल के अनियंत्रित होने के कुछ मुख्य कारणों की जानकारी दी जा रही है जिससे आपको बचना चाहिये।

आइये अब जानते हैं कि कोलेस्ट्रॉल कम करने का रामबाण इलाज के लिए क्या खा सकते हैं ।

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर क्या खाएं – Cholesterol Control Food

cholesterol me kya nahi khana chahiye

Cholesterol बढ़ने पर क्या न खाएं

कोलेस्ट्रॉल के लक्षण – Symptoms of Cholesterol

कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिये बहुत ही खतरनाक हैं। इसका उपचार समय से कर लेना ही हमारे शरीर के उचित है। इसके लिये कोलेस्ट्रॉल के लक्षण जानना बहुत जरुरी है। तो आइये जानते हैं इसके लक्षणों के बारे में…

ये तो हुए कोलेस्ट्राल के लक्षण। कोलेस्ट्रॉल कम करने का रामबाण इलाज में कौन से योग कर सकते हैं।

कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए योग – Yoga for Cholesterol Control

कोलेस्ट्रॉल के प्रकार – Cholesterol types in Hindi

अगर बात की जाए कोलेस्ट्रॉल के प्रकार की तो कोलेस्ट्रॉल मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं।

अच्छा कोलेस्ट्रॉल ( High density lipoprotein )

खराब कोलेस्ट्रॉल ( Low density lipoprotein)

लेकिन एक तीसरा प्रकार भी कई पेशेंट में देखने को मिला जिसे Very low density lipoprotein के नाम से जाना जाता है। यह Low density lipoprotein से ज्यादा खतरनाक होता है। कोलेस्ट्रॉल रक्त में घुलनशील नहीं होता है। उसका कोशिकाओं तक एवं उनसे वापस परिवहन लिपोप्रोटींस नामक वाहकों द्वारा किया जाता है।

HDL (High density lipoprotein) – अच्छा कोलेस्ट्रॉल

High density lipoprotein यानि कि उच्च घनत्व लिपोप्रोटीन को अच्छा कोलेस्ट्रॉल कहते हैं। यह यकृत में उत्पान्न होता है, जो कोलेस्ट्रॉल और पित्त (Bile या gall) को ऊतकों (tissue) और इंद्रियों (Organ) से रिसाइकिल करने के बाद वापस लिवर में पहुंचाता है। अधिक मात्रा में HDL कोलेस्ट्रॉल का होना एक अच्छा होता है। इससे हृदय स्वस्थ रहता है। शरीर में HDL कोलेस्ट्रॉल का स्तर 60 मिली ग्राम/डीएल से अधिक नहीं होनी चाहिए।

अच्छा कोलेस्ट्रॉल के लिये क्या खाएं

अच्छा कोलेस्ट्रॉल के लिये फाइबर युक्त चीजें जैसे – ओट्स व चोकर समेत अन्य साबुत अनाज, सेब, अंगूर, खट्टे फल, सब्जियां, बींस और मेथी दाने खाएं। हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, सोयाबीन एचडीएल के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। शोध के अनुसार गाय के दूध में मौजूद कुछ तत्व हानिकर कोलेस्ट्रॉल एलडीएल व ट्रीग्लिसराइड्स को कम करने में मदद करते हैं। स्किम्ड मिल्क और टोंड दूध लेना अच्छे विकल्प हैं।

LDL (Low density lipoprotein) – खराब कोलेस्ट्रॉल

Low density lipoprotein यानि कि न्यूनघनत्व लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल। यह हमारे शरीर के लिये नुकसानदायक होता है। लिवर में उत्पादिन यह कोलेसल्ट्रॉल वसा को लिवर से शरीर के अन्य भागों मांसपेशियों, ऊतकों, इंद्रियों और हृदय तक पहुंचाता है। यह बहुत आवश्यक है कि एल डी एल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम रहे, क्योंकि इससे यह पता चलता है कि रक्त के प्रवाह में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा आवश्यकता से अधिक हो गई है। ऐसे में यह रक्तनली की दीवारों पर यह जमना शुरू हो जाता है और कभी-कभी नली के छिद्र बंद हो जाते हैं। इससे हार्टअटैक की संभावना बढ़ जाती है। शरीर में एल डी एल कोलेस्ट्रॉल का स्तर 100 मिली ग्राम/डीएल से कम होना चाहिए।

बुरे कोलेस्ट्रॉल से बचने के लिये क्या खाएं – cholesterol control diet

कोलेस्ट्रॉल डाइट : बुरे कोलेस्ट्रॉल की समस्या से बचने के लिये ऑलिव ऑयल, मछली, ओट्स, अलसी, ग्रीन टी, धनिया के बीज, प्याज, आंवला, सेब का सिरका, संतरे का जूस, नारियल का तेल, मूंगफली, अखरोट, बादाम, पिस्ता, रेड वाइन, अंकुरित दालें, डार्क चॉकलेट, हरी पत्तेदार सब्जियां, लहसुन, चोकर की रोटी, सोयाबीन, सूर्यमुखी, लाल मांस, डेयरी उत्पाद खाने चाहिये।

VLDL (Very low density lipoprotein) – what is cholesterol vldl

Very low density lipoprotein यानि कि अतिन्यून घनत्व लिपोप्रोटीन शरीर में लिवर से ऊतकों और इंद्रियों के बीच कोलेस्ट्रॉल को ले जाता है। VLDL कोलेस्ट्रॉल LDL कोलेस्ट्रॉल से ज्यादा हानिकारक होता है। इससे हृदय रोग बढ़ जाते हैं। इससे बचने LDL की समस्या दूर करने में उपयुक्त भोजन ही खाना चाहिये।

अधिकतर पूछे गए सवाल और जवाब – FAQ

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का कारण क्या है ?

जब आप अधिकतर ज्यादा सैचुरेटेड फैट वाली चीज़ें जैसे मीट, तेल ,तली व भुने पदार्थ, प्रोसेस्ड खाना खाते हैं तो खून में खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है। साथ ही खराब लाइफ स्टाइल भी एक प्रमुख कारण है।

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के क्या लक्षण हैं ?

बहुत ज्यादा पसीना आना, उच्च रक्तचाप रहने लगा हो, लगातार वजन बढ़ना, पैदल चलने पर सांस फूलना

Disclaimer : इस लेख (article) में बताये गए तरीके केवल जानकारी बढ़ाने अथवा ज्ञान में लाने के लिए है . यह मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं है . इसलिए कोई भी टिप्स आजमाने से पहले डॉक्टर की सलाह लें .

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