Diwali Story In Hindi – दीपावली क्यों मनाई जाती है

Diwali Story In Hindi – दीपावली क्यों मनाई जाती है – दीवाली या दीपावली (Diwali or Deepawali) भारत में मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक महत्वपूर्ण त्योहार है। हम भारतीय इसे बड़े धूमधाम से मनाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि दीपावली मनाने का महत्व क्या है? Deepawali मनाए जाने का कारण क्या है? इस Article में जानिए दीपावली की कहानी क्या है, दीपवली क्यों मनाई जाती है, दीपावली मनाने का महत्व? आगे पढें…

Diwali Story In Hindi – दीपावली क्यों मनाई जाती है

Deepawali or Diwali का हर धर्म में अपना अलग अलग महत्व (Significance of Diwali) और कहानियां हैं। दीपावली हर देश में अलग अलग रीति-रिवजों और तरीकों से मनाई जाती है। Diwali कैसे मनाई जाती है यह जानने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें…

Hindu Dharm में दिवाली कैसे मनाई जाती है – How to celebrate Diwali in Hindi

Diwali क्यो मनाई जाती है इसका उत्तर विस्तृत रूप से हिंदू ग्रन्थ रामायण (Ramayana) में बताया गया है। रामायण किसने लिखी है या रामायण के रचयिता कौन है? तो बता दें कि महर्षि वाल्मीकि (Maharshi Valmiki) जी ने Ramayana की रचना की थी। वाल्मीकि जी ने रामायण महाकाव्य को 600 ई.पू. से पहले लिखा था। इसलिए इसे ‘वाल्मीकि रामायण’ या ‘बाल्मीकि रामायण’ भी कहते हैं। आगे पढ़ें दीवाली की कहानी…

हिंदू ग्रन्थ रामायण (Ramayana) के अनुसार, दीपावली (Diwali) के दिन भगवान प्रभु श्रीराम 14 साल का वनवास पूरा करके अपनी नगरी अयोध्या पहुंचे थे। माता कैकेयी के कहे जाने पर अयोध्या के राजा दशरथ ने अपने सबसे बड़े बेटे को 14 वर्षों तक वन में रहने का आदेश दिया था और भरत (राजा दशरथ के दूसरे पुत्र) को अयोध्या की गद्दी संभालने को कहा था।

अपने पिता Dasharatha की आज्ञा मानकर प्रभु श्रीराम वन जाने के लिए तैयार हो गये लेकिन उनके साथ चलने के लिए उनकी धर्म पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण ने भी अनुमति ली। 14 वर्षों का वनवास पूरा करके व लंका नरेश रावण (Ravana) का वध करके जब श्रीराम अयोध्या पहुँचे तो सभी अयोध्या वासियों ने दीव जलाकर प्रभु श्रीराम सहित उनकी पत्नी सीता व भाई का लक्ष्मण का बड़े ही धूमधाम से स्वागत किया।

दीप जलाने की प्रथा के पीछे अलग-अलग कारण या कहानियाँ हैं। राम भक्तों के अनुसार दीपावली वाले दिन अयोध्या के राजा राम लंका के अत्याचारी राजा रावण का वध करके अयोध्या लौटे थे। उनके लौटने कि खुशी में आज भी लोग यह पर्व मनाते है। कृष्ण भक्तिधारा के लोगों का मत है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी राजा नरकासुर का वध किया था।[34][35][36] इस नृशंस राक्षस के वध से जनता में अपार हर्ष फैल गया और प्रसन्नता से भरे लोगों ने घी के दीए जलाए। एक पौराणिक कथा के अनुसार विंष्णु ने नरसिंह रूप धारणकर हिरण्यकश्यप का वध किया था[36] तथा इसी दिन समुद्रमंथन के पश्चात लक्ष्मी व धन्वंतरि प्रकट हुए।

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दीपावली से जुड़ी अन्य रौचक कहानियाँ – Interesting Story of Deepawali in Hindi

भारत (India) को रीति-रिवाजों व विभिन्न संस्कृतियों का देश माना जाता है। जिसकी वजह से पूरे देश में दीवाली की अलग अलग कहानियां हैं। आइये जानते हैं इन रौंचक कहानियों को…

लक्ष्मी जी की कहानी

ऐसा माना जाता है कि पांच दिनों तक मनाया जाने वाला दिवाली का त्योहार देवी लक्ष्मी के जन्मदिन से शुरू होता है। मान्यता के अनुसार दीपावली की रात को ही लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को अपने पति के रूप में चुना था और विवाह रचाया था। कहा जाता है कि दीपावली के दिन लक्ष्मी प्रसन्न रहती हैं और जो लोग उस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा करते हैं वह देवी की कृपा से मानसिक, शारीरिक दुखों से दूर रहते हैं।

काली पूजा

दीपावली को लेकर मान्यताएं यही खत्म नहीं होती है। यह भारत के राज्य उड़ीसा (Odisha) और पश्चिम बंगाल (West Bengal) में एक अलग तरीके से मनाया जाता है। इन क्षेत्रों माँ लक्ष्मी की जगह माँ काली की पूजा की जाती है और इस त्योहार को काली पूजा के नाम से जाना जाता है।

भगवान कृष्ण की कथा

Uttar Pradesh के जिला मथुरा (Mathura) व उत्तर मध्य क्षेत्रों में इस त्योहार को भगवान कृष्ण से जुड़ा मानते हैं। इस दौरान गोवर्धन पूजा या अन्नकूट की दावत के रूप में यह पर्व मनाया जाता है। इसमें भगवान कृष्ण के लिए 56 या 108 विभिन्न व्यंजनों का भोग लगाया जाता है फिर सभी लोग प्रसाद के रूप में इसे ग्रहण करते हैं।

संदर्भ –

दीपावली – विकिपीडिया (wikipedia.org)

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