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गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है, जानिये पूजा समय-विधि क्या है

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ज्ञान और समृद्धि के देवता भगवान गणेश के जन्म दिन को गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2020) के रूप में पूरे भारत में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का त्यौहार मुख्य रूप से भाद्रपद (अगस्त या सितंबर) के महीने में नए चंद्रमा के चौथे दिन मनाया जाता है। उत्सव 10 दिनों की अवधि के लिए जारी रहता है और इस अवसर के 11 वें दिन अनंत चतुर्दशी पर, गणेश विसर्जन के साथ उत्सव समाप्त होता है।

गणेश चतुर्थी कब है, शुभ मुहूर्त (Ganesh Chaturthi kab hai, Shubh Muhurat)

Ganesh Chaturthi 2020, 22 अगस्त दिन शनिवार को पड़ रही है।

पूजन के लिए मध्याह्न मुहूर्त : 11:06:04 से 13:39:41 तक

अवधि : 2 घंटे 33 मिनट

समय जब चन्द्र दर्शन नहीं करना है : 09:05:59 से 21:25:00 तक

चतुर्थी तिथि आरंभ– 23:02 (21 अगस्त 2020)

चतुर्थी तिथि समाप्त– 19:56 (22 अगस्त 2020)

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से गणेश जी का उत्सव गणपति प्रतिमा की स्थापना कर उनकी पूजा से आरंभ होता है और लगातार दस दिनों तक घर में रखकर अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा की विदाई की जाती है। इस दिन ढोल नगाड़े बजाते हुए, नाचते गाते हुए गणेश प्रतिमा को विसर्जन के लिये ले जाया जाता है। विसर्जन के साथ ही गणेशोत्सव की समाप्ति होती है।

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गणेश चतुर्थी को क्यों कहते हैं डंडा चौथ

गणेश जी को ऋद्धि-सिद्धि व बुद्धि का दाता भी माना जाता है। मान्यता है कि गुरु शिष्य परंपरा के तहत इसी दिन से विद्याध्ययन का शुभारंभ होता था। इस दिन बच्चे डण्डा इसे इसे डण्डा चौथ भी कहते हैं।

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गणेश चतुर्थी की कथा (Ganesh Chaturthi ki Katha)

गणेश चतुर्थी की कथानुसार माता पार्वती ने भगवान गणेश को नहाने से पहले अपने मैल से जन्म दिया था। जिसके बाद वह गणेश जी को अपना पहरेदार बना कर नहाने चली गई। थोड़ी देर बाद वहां से शिव जी गुजर रहे थे। उन्होंने अदंर जाने की कोशिश की। लेकिन गणेश जी ने उन्हे अंदर नहीं जाने दिया। जिस भगवान शंकर क्रोधित हुए औऱ गुस्से में आकर गणेश भगवान का सर काट दिया।

जब माता पार्वती बाहर आई तो उन्होंने अपने पुत्र को मृत देखा तो विलाप करने लगी। तब ब्रह्मा, विष्णु सहित सभी देवताओं ने उनकी स्तुति कर उनको शांत किया और भोलेनाथ से बालक गणेश को जिंदा करने का अनुरोध किया। महामृत्युंजय रुद्र उनके अनुरोध को स्वीकारते हुए एक गज के कटे हुए मस्तक को श्री गणेश के धड़ से जोड़ कर उन्हें पुनर्जीवित कर दिया।

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गणेश चतुर्थी का महत्व क्या है? (Importance Of Ganesh Chaturthi)

भगवान गणेश ज्ञान, आध्यात्मिक ज्ञान, बौद्धिक शक्ति, धन और शक्ति, खुशी, समृद्धि और सफलता का प्रतीक है। मान्यता है कि चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सुख समृद्धि मिलती है। हिंदू धर्म में हर देवी-देवताओं का अपना अलग महत्व है।

हिंदू धर्म में, यह एकमात्र त्यौहार है जो भक्तों को भौतिक और साथ ही सर्वशक्तिमान के आध्यात्मिक रूप की पूजा करने की अनुमति देता है।

गणपति पूजा का महत्व हर शुभ काम की शुरुआत के लिये भी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि वह विसर्जन के समय परिवार की सभी कठिनाइयों और बाधाओं को दूर कर देता है।

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गणेश चतुर्थी की पूजा विधि क्या हैं? (How to perform ganesh chaturthi puja at home)

गणेश चतुर्थी पर सजावट कैसे करें (Decoration for ganesh chaturthi)

गणेश चतुर्थी पर सजावट का बहुत प्रचलन है। गणपति बप्पा को घर पर लाने के बाद उनके आसपास सफाई और सजावट (decoration) बहुत जरुरी है। हम इसके लिये फूलों, रंगोली, छोटी-छोटी लाइटों, घंटियों, गुब्बारों, छोटे छोटे पौधों, नकली पौधों को इस्तेमाल भी कर सकते हैं। वैसे ही फूलों में ऐसे फूलों का इस्तेमाल करें जो जल्दी सूखे न। जैसें गेंदे के फूलों के प्रयोग करें। 

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