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Fasting during Pregnancy: गर्भवती महिलाएं व्रत रख सकती हैं या नहीं, जानिये

pregnant woman

गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था (Pregnancy) में एक नया जीवन जी रही होती हैं। यह एक ऐसा समय है जिसमें वह अपने साथ एक अन्य जीव को पाल रहे होते हैं। इसलिये गर्भावस्था में व्रत रखना चाहिये या नहीं इसके लिये महिलाओं को अपने स्वास्थ को देखते हुए निर्णय लेना होता है।

कई महिलाएं ज्यादा धार्मिक होती हैं, जिससे वह व्रत में बिना कुछ खाएं पिये दिन भर रह लेती हैं। जिससे उनके पेट में पल रहे बच्चे को परेशानी का सामना करना पड़ा सकता है। व्रत रखने के लिये डॉक्टर से भी सलाह ली जा सकती है।

सावन लगने बाद लगातार त्योहार की बहार आ जाती है। जिसमें कई त्योहार व्रत वाले भी होते हैं। जैसे – हरतालिका तीज, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, गणपति विसर्जन, नवरात्रि आदि। नवरात्रि में पूरे नौ दिन दुर्गा मां के नौ रुपों की पूजा की जाती है। इसलिये इन दिनों भी गर्भवती महिलाओं को व्रत रखने काफी सावधानी बरतनी चाहिये। साथ ही यह भी ध्यान रखना चाहिये नवरात्रि के व्रत में क्या खाना चाहिये।

क्या गर्भावस्था में व्रत रखना चाहिये – Should Women fast during Pregnancy ?

गर्भावस्था में व्रत खुद उस स्त्री पर निर्भर करता है। यदि वह पूर्ण रुप से स्वस्थ महसूस कर रही है तो वह व्रत रख सकती है। लेकिन ध्यान रहे व्रत के दौरान वह कुछ न कुछ खाती रहें। जिससे कि उनके पेट में पल रहे शिशु को भूख की वजह से कोई समस्या न आये।

व्रत रखने का निर्णय लेने से पहले डॉक्टर से सलाह से एक बार चेकअप भी करा लेना चाहिये। इससे आपको बच्चे की स्थिति का पता भी चल जाएगा।

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गर्भावस्था में व्रत रखते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिये ? – Things to keep in mind while fasting in Pregnancy

गर्भावस्था में व्रत रखने से क्या क्या परेशानियां हो सकती हैं?

गर्भवस्था में यह भी ध्यान रखना चाहिये कि व्रत कितने दिनों का है। जैसे रमजान, नवरात्रि के नौ दिन का व्रत इत्यादि। इससे बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि Pregnancy में व्रत करना है कितना सुरक्षित है। इसलिये हो सके तो एक दिन छोड़कर या आधे आधे दिन जैसे कि आधा दिन पति और आधा दिन पत्नी व्रत रख सकती है। या मौन इत्यादि करके उपवास कर सकते हैं।

ज्यादा देर तक व्रत रखने से मां औऱ पेट में पल रहे बच्चे दोनों को परेशानी हो सकती हैं। जैसे – निर्जलीकरण का खतरा बढ़ सकता है। साथ ही सिरदर्द, थकान, बेहोशी, चक्कर आना, गंभीर अम्लता (एसिडिटी), वजन घटना या पर्याप्त वजन न बढ़ना आदि।

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करवाचौथ पर गर्भवती महिलाएं कैसे रखें व्रत

करवाचौथ व्रत मुख्ययत दो प्रकार के होते हैं। एक होता है जिसमें महिलाएं दिन भर बिना नमक के फ्रुट, जूस, चाय, कॉफी. फलाहार, दूध आदि पी सकते हैं। जबकि एक होता है जिसमें महिलाओं को निर्जला व्रत रखना होता है। इसमें एक बार व्रत शुरु होने के बाद व्रत खत्म होने तक कुछ नहीं खाया जाता है। करवाचौथ के व्रत में निम्न बातों का रखें ध्यान-

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