भगवान भोलेनाथ का पसंदीदा महीना सावन त्योहारों का महीना कहा जाता है। सावन लगते ही साल के सभी त्योहार शुरु हो जाते हैं। इनमें सावन सोमवार, हरियाली तीज, नागपंचमी, रक्षाबंधन आदि शामिल हैं। इसके बाद त्योहारों का सिलसिला शुरु रहता है। आज हम बात करेंगे नाग देवता को पूजे जाने वाले त्योहार नाग पंचमी की। इस दिन नाग देवता की मन से पूजा करो तो भगवान भोलनाथ प्रसन्न होकर मनचाहा वर देते हैं। साथ ही सर्पदंश से भी मुक्ति मिलती है। लोग इस दिन नाग या सांप को दूध पिलाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं ये उनके लिये उनके लिये कितना घातक है। आइये जानते हैं इसके बारे में…
नाग पंचमी के दिन सांप को क्यों दूध पिलाते हैं
नाग पंचमी 25 जुलाई को पड़ रही है। मान्यता है कि इस दिन नाग देवता को दूध पिलाने से मनवांक्षित फल की प्राप्ति होती है। नाग पंचमी के दिन नाग के दूध पिलाने की प्रथा है लेकिन यह नाग के लिये कितना घातक हैं यह शायद ही कोई जानता होगा। नाग पंचमी पर नाग को दूध पिलाने से हर साल हजारों की संख्या में नागों की मौत हो जाती है।
नाग पंचमी पर सांप को दूध न पिलाएं
जी हां, इस नाग पंचमी आप नाग या सांप को दूध बिल्कुल न पिलाएं। इससे उनकी जान जा सकती है। आपको बता दें कि पुराणों में सांप या नाग को दूध अर्पित करने को कहा गया है न कि उन्हें पिलाने को। प्राचीन काल में नाग देवता को दूध अर्पित किया जाता था लेकिन यह प्रथा आज कई जगह बदल चुकी है। शिव जी को ऐसे करें खुश, पढ़े यह सावन सोमवार व्रत कथा
दूध पिलाने पर सांपों की क्यों हो जाती है मौत
मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन सांप को दूध पिलाने और धान का लावा अर्पित करने से भगवान खुश होते हैं औऱ मनवांक्षित फल देते हैं। इसलिये इस दिन सपेरे टोलियों में घर-घर घूमकर नागों के दर्शन करवाते हैं और भिक्षा मांगते हैं। इस दिन श्रद्धालु नागों को दूध पिलाने के साथ सपेरे को भी दान देते हैं। लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नाग को दूध पिलाने से पाचन नहीं हो पाने या प्रत्यूर्जता से उनकी मृत्यु हो जाती है। इसलिए शास्त्रों में नागों को दूध पिलाने को नहीं बल्कि दूध से स्नान कराने को कहा गया है। लेकिन लोगों ने सांप को दूध पिलाने की परंपरा ही शुरू कर दी। जबकि इससे सांपों की मृत्यु हो जाती है।
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क्या है सांप को दूध पिलाने का वैज्ञानिक मत
विज्ञान के अनुसार सांप रेप्टाइल जीव हैं न कि स्तनधारी। रेप्टाइल जीव दूध को हजम नहीं कर सकते जिससे उनकी मौत हो जाती है। दूध पिलाने से सांप की आंत में इन्फेक्शन हो सकता है। इसके चलते सांप की मृत्यु हो जाती है। सावन के सोमवार व्रत में रहें स्वस्थ, अपनाएं ये डाइट प्लान
कैसे दूध बन जाता है सांप के लिये जहर
सर्प विशेषज्ञों के अनुसार सपेरे नाग पंचमी से पहले ही सांपों को पकड़कर उनके दांत तोड़ देते हैं और जहर की थैली निकाल लेते हैं। इससे सांप के मुंह में घाव हो जाता है। इसके बाद सपेरे सांप को भूखा रखते हैं और नागपंचमी के दिन इन्हें दूध पिलाते हैं। सांप क्योंकि मांसाहारी है इसलिए भूख-प्यास से परेशान सांप दूध को पानी समझकर पीते हैं। जिससे उनके मुंह में बने घाव में पस (मवाद) बन जाता है और इससे कुछ ही दिनों में सांपों की मौत तक हो जाती है। इसलिए बेहतर यही है कि सांपों को नागपंचमी पर दूध पिलाने से बचें।
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