डायबिटीज के लक्षण और निदान – मधुमेह या डायबिटीज (Diabetes Mellitus) आज एक खतरनाक बिमारी बन चुकी है जिससे बहुत से लोग ग्रसित हैं। इसका सबसे बड़ा कारण हमारा खान पान और जीवनशैली हो सकता है। असंतुलित भोजन से भी डायबिटीज की बीमारी हो जाते हैं। डायबिटीज के होने से हमारे शरीर के कई अंग प्रभावित हो जाते हैं। जैसे – आंख, त्वचा, किडनी, ह्रदय और खून की नसें आदि। अगर इसका समय से इलाज नहीं किया गया तो इसका काफी बुरा असर भी पड़ सकता है।
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डायबिटीज को हिंदी में क्या कहते हैं – What is Diabetes in Hindi
Diabetes का पूरा नाम Diabetes Mellitus (DM) है। इसे हिन्दी में मधुमेह कहते हैं। मधुमेह हो जाने पर शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है। इस स्थिति में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है। तीव्र जटिलताओं में यह केटोएसिडोसिस, नॉनकेटोटिक हाइपरोस्मोलर कोमा, या मौत का रुप ले सकता है। गंभीर दीर्घकालिक जटिलताओं में हृदय रोग, स्ट्रोक, क्रोनिक किडनी की विफलता, पैर अल्सर और आंखों को नुकसान शामिल है।
इस आर्चिकल के माध्यम से आपको डायबिटीज होने का कारण क्या है, डायबिटीज के लक्षण क्या है। हमारे शरीर में क्या चीजें अधिक हो जाती हैं या क्या कमी रह जाती है जिससे हम मधुमेह का शिकार हो जाते हैं इत्यादि के बारे में जानने को मिलेगा। इसलिये आर्टिकल को पूरा पढ़ें…
डायबिटीज के लक्षण क्या है – Diabetes ke Lakshan kya hai
आमतौर पर डायबिटीज के मुख्य कारण ये स्थितियां हो सकती हैं(*)-
- बार-बार पेशाब लगना।
- लगातार शरीर में दर्द की शिकायत होना।
- आँखों के सामने धुंधलापन छा जाना।
- बार-बार त्वचा और प्राइवेट पार्ट्स में संक्रमण होना या कैविटी होना।
- घाव का जल्दी न भरना।
- गला सूखना या बार-बार प्यास लगना।
- आंखों की रोशनी कमज़ोर होना।
- वज़न का अचानक से ज़्यादा बढ़ना या कम होना।
- लगातार थकान या कमज़ोरी महसूस होना।
- ज़रूरत से ज़्यादा भूख लगना।
- व्यवहार में चिड़चिड़ापन होना।
टाइप 1 मधुमेह के लक्षण (Types 1 diabetes symptoms in Hindi)
- पेशाब अधिक बार आना
- अत्यधिक प्यास लगना और बहुत अधिक तरल पदार्थ पीना
- अस्पष्टीकृत वजन घटाने
- थकान (थकान)
- मनोदशा में बदलाव
- त्वचा में संक्रमण या खुजली
- मौखिक या योनि थ्रश
- पेट में दर्द
- अत्यधिक भूख
- कमजोरी
- सिरदर्द
- धुंधली दृष्टि
टाइप 2 मधुमेह के लक्षण (what is type 2 diabetes symptoms in Hindi)
- अधिक बार मूत्र आना, आमतौर पर रात में देखा जाता है
- शुष्क मुँह
- सामान्य से अधिक प्यास लगना
- थकान, सुस्ती या जलन महसूस होना
- लगातार भूख लगना
- कट, घाव या अल्सर जो धीरे-धीरे ठीक हो जाते हैं
- खुजली, त्वचा में संक्रमण
- थ्रश या मूत्राशय में संक्रमण
- धुंधली दृष्टि
- वजन में बदलाव – वजन में धीरे-धीरे वृद्धि
- मिजाज
- सिरदर्द
- चक्कर आना
- निचले पैरों और / या पैरों में दर्द या झुनझुनी
यह भी पढ़ें – आँखों की कमजोरी के लक्षण क्या हैं ?
डायबिटीज के प्रकार (types of diabetes mellitus)
मधुमेह (Diabetes) मुख्यता तीन प्रकार के होते हैं।
टाइप 1 मधुमेह
type 1 मधुमेह पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन करने के लिए अग्न्याशय की विफलता का परिणाम है। इस रूप को पहले “इंसुलिन-आश्रित मधुमेह मेलाईटस” (आईडीडीएम) या “किशोर मधुमेह” के रूप में जाना जाता था।
टाइप 2 मधुमेह
type 2 डीएम इंसुलिन प्रतिरोध से शुरू होता है, एक हालत जिसमें कोशिका इंसुलिन को ठीक से जवाब देने में विफल होती है। जैसे-जैसे रोग की प्रगति होती है, इंसुलिन की कमी भी विकसित हो सकती है। इस फॉर्म को पहले “गैर इंसुलिन-आश्रित मधुमेह मेलेतुस” (एनआईडीडीएम) या “वयस्क-शुरुआत मधुमेह” के रूप में जाना जाता था। इसका सबसे आम कारण अत्यधिक शरीर का वजन होना और पर्याप्त व्यायाम न करना है।
गर्भावधि मधुमेह
यह गर्भवती महिलाओं में होती है। कुछ महिला निकाय गर्भावस्था के समय पर्याप्त इंसुलिन उत्पन्न करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं। इसलिए उनके रक्त प्रवाह में ग्लूकोज की मात्रा अधिक होती है। जिससे मां और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक होता है।
डायबिटीज क्यों होता है Reason of Diabetes in Hindi
डायबिटीज को धीमी मौत (Slow death) भी कहा जाता है। डायबिटीज तब होता है जब शरीर सही तरीके से खून में मौजूद ग्लूकोज़ या शुगर का उपयोग नहीं कर पाता। तब, व्यक्ति को डायबिटीज़ की समस्या हो जाती है।
यह बिमारी तब होती है जब हमारे शरीर के पैंक्रियाज (पाचन तंत्र का प्रमुख अंग और छोटी आंत का पहला भाग जिसे अग्नाशय या पैंक्रियाज कहते हैं।) में इंसुलिन (यह एक हार्मोन है जो पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है ) का पहुंचना कम हो जाता है तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है(*)।
इंसुलिन का कार्य शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलना है। इंसुलिन ही एक ऐसा हार्मोन है जो हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है। डायबिटीज महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक होता है। इसके अलावा अन्य मुख्य कारण निम्न हैं…
- इंसुलिन की कमी
- परिवार में किसी व्यक्ति को डायबिटीज़ होना
- बढ़ती उम्र
- हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल
- एक्सरसाइज ना करने की आदत
- हार्मोन्स का असंतुलन
- हाई ब्लड प्रेशर
- खान-पान की ग़लत आदतें
मधुमेह या डायबिटीज के घरेलू उपचार
डायबिटीज होने पर सबसे ज्यादा हमें परहेज पर ध्यान देना चाहिये। चीनी, किसी भी प्रकार की मिठाई इत्यादि से दूर रहना चाहिये। बाकी कई घरेलू चीजें भी ऐसी हैं जिनके खाने से हम शुगर को नियंत्रित कर सकते हैं। इनमें तुलसी, अमलतास की पत्तियों का रस, सौंफ, करेले का जूस, अलसी के बीज, मेथी, जामुन, दालचीनी, आंवले का रस, ग्रीन टी, नीलबदरी, सहिजन के पत्ते, नीम इत्यादि का सेवन कर सकते हैं। इससे आपका मधुमेह नियंत्रित रह सकता है। इसके साथ ही इन बातों का अवश्य ध्यान रखें…
- डाइट में चीनी से बनीं व रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट वाले भोजन को शामिल करने से बचें।
- बॉडी को एक्टिव रखें। इसके लिये नियमित रूप से एक्सरसाइज करें, हो सके तो सुबह-शाम टहलें।
- शरीर में पानी की कमी न होने दें। इसके अलावा ज्यादा मीठा शर्बत व सोडा वाले कोल्ड ड्रिंक्स पीने से बचें।
- आइसक्रीम इत्यादि खाने से परहेज करें।
- वजन को नियंत्रित रखें।
- नशा जैसे स्मोकिंग और अल्कोहल का सेवन करने से बचें।
- हाई फाइबर डाईट लें।
- प्रोटीन का सेवन अच्छी मात्रा में करें।
- शरीर में विटामिन डी की कमी ना होने दें।
अधिकतर पूछे गए सवाल (FAQ)
पेशाब में शुगर के लक्षण क्या हैं ?
पेशाब में शुगर के लक्षण में अचानक से वजन बढ़ जाना, बार-बार पेशाब लगना, प्यास जल्दी लग जाना आदि प्रमुख हैं।
महिलाओं में शुगर के लक्षण क्या हैं ?
अगर प्राइवेट पार्ट में आये दिन संक्रमण रहता है तो आपको मधुमेह की शिकायत हो सकती है, PCOD की समस्या होना, धुंधला दिखाई पड़ना, मूड स्विंग होना आदि।
मधुमेह टाइप 2 के लक्षण क्या हैं ?
शुष्क मुँह, सामान्य से अधिक प्यास लगना, थकान, सुस्ती या जलन महसूस होना, लगातार भूख लगना, घाव का बहुत देर से ठीक होना।
शुगर की सबसे अच्छी दवा कौन सी है ?
वैसे तो मार्किट बहुत सी दवाएं उपलब्ध हैं , लेकिन घरेलु उपचार में मेथी का पानी, करेले का जूस, जामुन खाने से, ग्रीन टी से, एलोवेरा से, दालचीनी से आदि
Disclaimer : इस लेख (article) में बताये गए तरीके केवल जानकारी बढ़ाने अथवा ज्ञान में लाने के लिए है . यह मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं है . इसलिए कोई भी टिप्स आजमाने से पहले डॉक्टर की सलाह लें .