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Whey Protein क्या है, इसके फायदे, उपयोग और नुकसान

whey protein ke fayde

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Whey Protein in Hindi- आज हर इंसान अपनी बॉडी को लेकर बहुत सतर्क हो गया है। वह बॉडी बनाने के क्या कुछ नही करता है। जिम करता है, तरह तरह की दवाइयां लेता है, ऐसी बहुत सी चीजों से वह अपनी ब़ॉडी बनाने की कोशिश करता है। इस बीच वह कई तरह से प्रोटीन पाउडर (Whey Protein in Hindi) भी लेता है। तो आज हम एक ऐसे ही प्रोटीन के बारे में बात करेंगे जो आपको बॉडी बिल्डिंग में काफी सहायता देगा। Whey Protein एक ऐसा प्रोटीन पाउडर है जो बॉडी बिल्डिंग में काफी सहायक होता है।

Life is the mode of action of proteins.

Friedrich Engels

तो आइये जानते हैं व्हे प्रोटीन क्या है – Whey Protein in Hindi

Whey Protein क्या है – What is whey protein in hindi

meaning of whey in hindi : Whey को हिंदी में मठ्ठा अथवा छांछ या दूध का पानी भी (whey in hindi) कहते हैं।

Whey Protein प्राकृतिक दूध और दुग्ध उत्पादों में पाया जाता है। यह दूध से मिलने वाले प्रोटीन का 20% प्रोटीन (whey protein in hindi) होता है।

Whey Protein एक उच्चकोटी का प्रोटीन होता है। इसे ‘संपूर्ण प्रोटीन’ भी कहते हैं। इसमें सभी जरूरी एमीनो एसिड्स हैं जो की मनुष्य के शरीर के लिए आवश्यक है। यह पाचन में भी आसान है।

Whey Protein को ब्रांच्ड एमीनो एसिड्स (बीसीएए’ज़) जैसे ल्युसिन, जो मसल्स सिंथेसिस को उत्प्रेरित करता है, का सबसे उत्तम श्रोत माना जाता है।

कई अध्ययन में पाया गया है कि Whey Protein की थोड़ी मात्रा भी आपके शरीर के लिए फायदेमंद होती है।

व्यायाम के तुरंत बाद केवल 10 ग्राम व्हे प्रोटीन का सेवन मसल्स पुनर्निर्माण को उत्प्रेरित कर सकता है। Whey Protein कैंसर रेट को कम करने, प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने, एचआईवी से लड़ने, कॉर्टीसॉल को कम करने, स्ट्रेस घटाने, लाईव फंकशन को विकसित करने, दिमाग में सिरॉटॉनिन के स्तर को बढ़ाने, रक्तचाप को कम करने और बहुत सारे औषधीय गुणों और खेल से संबंधित स्वाथ्य्य लाभ देने में सामर्थ्य है।

Whey Protein के फायदे – whey protein benefits in hindi

इसके खाने के फायदे (benefits of whey protein in hindi) के बारे में हर कोई नही जानता है। तो आइये आज हम बताते हैं व्हे प्रोटीन के बारे में।

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Whey Protein कैसे बनता है

Whey Protein प्राकृतिक रूप से गाय के दूध में पाया जाता है। लगभग सभी व्हे प्रोटीन का श्रोत दुग्ध फॉर्म ही है। दिन में दो या तीन बार गायों को विशेष मिल्किंग पॉर्लर में लाया जाता है जहां उनसे दूध निकाला जाता है। फिर निकाले गए दूध को दुग्ध फॉर्म से मैन्युफैक्चरिंग और प्रोसेस केंद्र में लाया जाता है, जहां इसे बड़े टैंको में रखा जाता है जो 50,000 गैलन्स तक दूध जमा कर सकते है।

प्रोसेस क्रेंद्र में एक बार जब दूध पहुंच जाता है। तब इसे पूरी तरह से जांचा जाता है ताकि ये पीने के लिए सुरक्षित हो। गाय के दूध में दो सबसे महत्वपूर्ण प्रोटीन पाये जाते हैं, एक कैसीन प्रोटीन है जो दूध में 80 प्रतिशत तक पाया जाता है। बचे गए 20 प्रतिशत में Whey Protein पाया जाता हैं।

कच्चा दूध कई घटको से बना होता है। कुछ पार्ट्स ससपेंशन में मौजूद होते हैं तो कुछ घोल में। व्हे प्रोटीन का उत्पादन चीज़ बनाने की प्रक्रिया के दौरान होता है जिसकी शुरूआत कच्चे दूध में कुछ एंज़ाइम्स के मिलाने के बाद होती है। एंज़ाइम्स दूध में कई घटको को अलग कर देता है उनमें से ही एक दही का रूप धारण कर लेता है।

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इस वक्त जो दही बनी है इसी का उपयोग चीज़ बनाने में किया जाता है और चीज़ बनाने की प्रक्रिया के दौरान ही व्हे प्रोटीन तरल पदार्थ के रूप में निकलता है।

इसके बाद तरल पदार्थ के रूप में यह व्हे प्रोटीन पाश्च्युराइज करके और सुखा कर पॉऊडर के रूप में बनाया जाता है जिसका प्रयोग सेवन करने के लिए किया जाता है।

व्हे प्रोटीन बनाने के लिए प्रमुख प्रकिया इस तरह हैं :-

माइक्रोफिल्ट्रेशन – Microfiltration

फाइन स्पेशलिटी फिल्टर को हम माइक्रो-फिल्टर्स या अल्ट्रा-फिल्टर्स कहते हैं, क्योंकि इनमें माइक्रोस्कोपिक पोर्स होते हैं जिसका उपयोग प्रोटीन को स्ट्रेन करने में किया जाता है। प्रोटीन से कंटेंट्स को निकालने को फिज़िकल मींस भी कहा जाता है।

आयन एक्सचेंज विधि – Ion Exchange Method

इस विधि में प्रोटीन को आयन एक्सचेंज टॉवर में रखा जाता है जिसे एक रसायनिक शुद्धीकरण प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इस प्रक्रिया में हाईड्रोक्लोरिक एसिड और सोडियम हाईड्रॉक्साइड दो रसायणों का उपयोग होता है।

फिर भी यह प्रक्रिया माइक्रोफिल्ट्रेशन की तुलना में काफी किफायती है, लेकिन इसमें व्हे प्रोटीन के कुछ एमिनो एसिड्स नष्ट हो जाते हैं। एक बार प्रोटीन कॉंन्संट्रेट हो जाता है तो फिर इसे ड्राईंग टॉवर में पानी को निकालने के लिए रखा जाता है। फिर अंतिम प्रक्रिया में प्रोटीन को लेकर अलग अलग आकार के कंटेनर्स में पैक किया जाता है।

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Whey Protein कब लेना चाहिये

व्हे प्रोटीन कब लेना चाहिये यह विभिन्‍न बातों पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए व्‍हे प्रोटीन वर्कआउट और ट्रेनिंग के बाद लिया जाता है। जबकि कैसिइन रात के समय और वर्कआउट के बाद लिया जाता है।

वैसे तो व्हे प्रोटीन को इंटेंस एक्सरसाइज के बाद 10 मिनट के अंदर दूध या पानी के साथ लेना चाहिए। इसके अलावा जिन लोगो को प्रोटीन लेने के बाद भी कुछ ख़ास असर देखने को नहीं मिल रहा हो, उन्हें कुछ Enzymes की जरुरत भी पड़ सकती है। लेकिन आप Enzymes लेने से पहले अपने फिटनेस कंसलटेंट से जरूर परामर्श ले लें।

कुछ लोगो में ये पाया गया है वो खाते तो बहुत हैं , प्रोटीन पाउडर भी लेते हैं। लेकिन उनके शरीर को कुछ भी लगता नहीं है। या यूँ कहे तो उनकी बॉडी आवश्यक नुट्रिशन और प्रोटीन को पचा नहीं पाती। इसके लिए उन्हें अलग से एंजाइम के supplement की जरुरत होती है , जो प्रोटीन और nutrition को डाइजेस्ट करने का काम करते हैं।

एक बार में कितना व्हे प्रोटीन पाउडर खाएं – Whey Protein Uses in Hindi

मांसाहारी लोग प्रतिदिन एक से दो चम्‍मच पाउडर खा सकता है। लेकिन ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपको अपने खाने से कितना प्रोटीन मिल रहा है।

कुछ लोग दो से अधिक और कुछ लोग केवल एक चम्‍मच पाउडर खा सकते हैं। एथलीट और बॉड़ीबिल्‍डर अपनी आवश्‍यकतानुसार इसे खा सकते हैं।

अगर हम दिन की प्रोटीन नीड कि बात करे तो आपको अपनी बॉडी वेट के हिसाब से प्रोटीन। जैसे के प्रति पौंड 0.4 ग्राम।

इसी तरह अगर आपको बॉडी वेट 80 किलो यानि के 160 पौंड के करीब है तो आपको 64 g प्रोटीन चाहिए।

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व्हे प्रोटीन कैसे लेना चाहिये

Whey Protein को आप दूध और पानी दोनों के साथ ले सकते हैं। लेकिन दोनों के साथ लेने के तरीके अलग अलग होते हैं। दूध के साथ Whey Protein लेने का तरीका अलग होगा। और इससे फायदा भी अलग होगा।

वहीं अगर Whey Protein को पानी के साथ लिया जाए तो इसके फायदे अलग होगें और इसका लेने का तरीका भी अलग होगा।

तो आइये जानते हैं कि Whey Protein कैसे औऱ किसके साथ लेना चाहिये

दूध के साथ Whey Protein

अगर आप दूध में Whey Protein ले रहे हैं तो यह Whey Protein के घोल पर निर्भर करता है।

यदि आप वजन बढ़ाना चाहते हैं और उसके साथ साथ मसल भी बढ़ाना चाहते हैं तो आप दूध के साथ Whey Protein ले सकते हैं।

अगर आप बहुत ज्यादा पतले हैं या आपको वजन बढ़ाने में दिक्कत हो रही हो तो आप वह प्रोटीन का इस्तेमाल दूध में कर सकते हैं।

यदि आप दूध के साथ Whey Protein लेते हैं तो आपको एक कप में डेढ़ सौ कैलोरी ज्यादा मिल जाएगी जो कि आपको वजन बढ़ाने में मदद करेगी। लेकिन एक टाइम में हमारी बॉडी कुछ प्रोटीन की मात्रा ही Absorb कर सकती है।

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तो यह ध्यान रखें कि आप उससे ज्यादा मात्रा में प्रोटीन ना लें क्योंकि इस चीज का कोई फायदा नहीं है। अगर हम जरूरत से ज्यादा प्रोटीन की मात्रा एक टाइम में लेते है तो हमारी बॉडी किसको बाहर निकाल देगी।

वर्कआउट के बाद में दूध में Whey Protein नहीं ले सकते। क्योंकि अगर आप अपनी वर्कआउट के बाद में Whey Protein लेना चाहते हैं तो उस समय हमें जल्दी जल्दी Absorb होने वाले प्रोटीन की जरूरत होती है।

इसलिये मान लो आप शाम को वर्कआउट करते हैं तो आप सुबह Whey Protein को दूध में ले सकते हैं। अगर आप सुबह वर्कआउट लगाते हैं तो रात को सोने से पहले आप Whey Protein को दूध में ले सकते हैं।

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पानी के साथ व्हे प्रोटीन

अगर आप Whey Protein को पानी में लेने चाहते हैं तो यह हमारे शरीर में जल्दी Absorb हो जाता है। इसीलिए आप इसे वर्कआउट करने के बाद लें। जिससे कि आप अपने मसल्स (muscleblaze whey protein in hindi) की टूट-फूट को जल्दी रिपेयर कर सकते हैं।

पानी में Whey Protein जल्दी मिक्स हो जाता है क्योंकि पानी की डेंसिटी बहुत कम होती है। इसकी वजह से Whey Protein पानी में जल्दी मिक्स हो जाता है।

इसके अलावा अगर आप बॉडी फैट और लीन मसल गेन करना चाहते हैं तो आप प्रोटीन को पानी में ले सकते हैं।

इसके साथ-साथ अगर आप प्रोटीन (whey protein powder ke fayde in hindi) को पानी में लेते हैं तो आपके गैस की प्रॉब्लम का सामना नहीं करना पड़ेगा।

आपको बार-बार टॉयलेट नहीं जाना पड़ेगा। तो अब आप अपने घोल के हिसाब से ही Whey Protein का इस्तेमाल करें। जिससे कि इसका रिजल्ट आपको घोल ज्यादा मिल सके।

Whey Protein कैसे काम करता है

एक्सरसाइज करने के बाद जब मसल्स टूटते है तब Whey Protein पानी या दूध के साथ पिया जाता है। Whey Protein बहुत तेजी से पच जाता है। इसके साथ ही Whey Protein ब्लड में तेजी से घुलकर टूटे हुए मसल्स को फिर से रिपेयर करने में सहायता करता है।

एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि जैसे ही हैवी एक्सरसाइज ख़त्म हो , उसके तुरंत बाद Whey Protein को लेने पर अधिक फायदा पहुँचता है।

व्हे प्रोटीन घर पर कैसे बनाये – how to make whey protein in hindi

प्रोटीन पाउडर दूध, छाछ, कैसिइन और सोया (whey protein ingredients in hindi) से बना एक सूखा पाउडर होता है। हालाँकि प्रोटीन veg और non-veg दोनों में पाया जाता है। वेजीटेरियन लोगो के लिए प्रोटीन के स्रोत के लिए आपको दालें अधिक कहानी चाहिए।

दही से चीज़ बनाने के बाद बचे हुए पानी को व्‍हे (whey protein benefits hindi) कहा जाता है। इसी पानी को प्रोसेस कर इसमें से प्रोटीन निकाला जाता है। इस प्रोटीन को हम व्‍हे प्रोटीन कहते हैं। इसका इस्‍तेमाल फूड सप्‍लीमेंट के तौर पर किया जाता है। यह शरीर बनाने में मदद करता है।

मार्किट में पाये जाने वाले मोस्ट कॉमन तीन प्रोटीन हैं -व्हेय, कैसिइन, और सोया। जब इन तीनों प्रोटीन्स को मसल प्रोटीन सिंथेसिस की एबिलिटी के बेस पर तुलना करते हैं तो व्हेय प्रोटीन इन सब में से सबसे अच्छा सिद्ध होता है।

स्ट्रेंथ बढ़ाने, लीन बॉडी मास बढ़ने , और फैट लोस में भी व्हेय प्रोटीन बाकि प्रोटीन्स की तुलना में सबसे ज्यादा ऊपर है।

Whey Protein कितने प्रकार के होते हैं – whey protein types in hindi

व्हे प्रोटीन कॉंन्संट्रेट – Whey protein concentrate

यह सबसे सामान्य उपलब्ध रहने वाला व्हे प्रोटीन पाउडर सप्लिमेंट है। ज्यादातर ब्रांड्स व्हे प्रोटीन कॉंन्संट्रेट का इस्तेमाल प्रथम तत्व के रूप में प्रोटीन पॉऊडर बनाने के लिए करते है।

व्हे प्रोटीन कॉंन्संट्रेट में प्रोटीन की मात्रा कम से कम 25 प्रतिशत और अधिक से अधिक 89 प्रतिशत तक होती है। ज्यादतर स्पोर्ट न्युट्रिशन में लगभग 80 प्रतिशत व्हे प्रोटीन रहता है जिसे एब्रिविएटेड रूप में डब्ल्यूपीसी या डब्ल्यूपीसी80 (WPC or WPC80) कहा जाता है, जबकि बचे गए 4 से 8 प्रतिशत में लैक्टोज़, खनिज फैट और मॉइश्चर होते हैं।

व्हे प्रोटीन आईसोलेट – Whey Protein Isolate

सामान्यतौर पर एब्रिविएटेड रूप में इसे डब्ल्यूपीआई या डब्ल्यूपीआई कहते हैं। इसमें 90 से 95 प्रतिशत प्रोटीन मौजूद रहता है। यह उन लोगों के लिए एक बेहतरीन प्रोटीन श्रोत है जो लैक्टोज़ इंटोलरैंट है क्योंकि इसमें बहुत कम या फिर लैक्टोज़ होते ही नहीं हैं और फैट भी बहुत कम होते हैं।

व्हे प्रोटीन आईसोलेट की कीमत व्हे प्रोटीन कंसंट्रेट की तुलना में बहुत अधिक होती है क्योंकि इसमें प्रोटीन का शुद्धतम रूप मौजूद होता है।

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व्हे प्रोटीन हाईड्रॉलाइसेट – Whey Protein Hydrolysate

डब्ल्यूपीएच या व्हे प्रोटीन हाईड्रॉलाइसेट को तब बनाया जाता है जब लार्ज प्रोटीन पॉलीपेपिटाईड जो व्हे प्रोटीन में पाया जाता है, बहुत छोटे-छोटे श्रृंख्ला में टूटे होते है।

यह व्हे प्रोटीन को पाचन के लिए आसान बना देता है और यह आंत में तेज़ी से एबज़ॉर्ब होता है। इस प्रकार किसी प्रकार की एलर्जी प्रतिक्रिया का खतरा कम हो जाता है।

प्रोटीन का यह रूप सबसे महंगा होता है और यह एसिड स्वाद के साथ तीख़ा भी होता है। इसे घुलनसील होता है जिसे पानी या दूसरे पेय पदार्थ के साथ घोल कर पीया जाता है। इस तरह के प्रोटीन का इस्तेमाल बेबी फॉर्मूले या दूसरे विशेष औषधीय पौष्टिक उत्पाद के लिए किया जाता है।

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व्हे प्रोटीन के नुकसान – whey protein side effects in hindi

व्हे प्रोटीन के नुकसान (whey protein powder side effects in hindi) तो नहीं होते हैं लेकिन अगर कोई चीज ज्यादा मात्रा में खाया जाता है तो उसके नुकसान जरुर होंगे। तो आइय़े जानते हैं व्हे प्रोटीन के नुकसान के बारे में।

जानिये Whey Protein के बारे में सब कुछ – Whey Protein in Hindi, वीडियो यहाँ देखें-

अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल – FAQ

व्हे प्रोटीन का मतलब क्या होता है?

व्हे प्रोटीन दूध से बना प्रोडक्ट है लेकिन इसमें हाई क्वालिटी का प्रोटीन होता है क्योंकि इसमें सभी जरूरी नौ अमीनो एसिड होते हैं। इसके अलावा ये शरीर में आसानी से पच जाते हैं।

प्रोटीन पाउडर में क्या क्या मिलाया जाता है?

प्रोटीन पाउडर बनाने के लिये विभिन्न स्रोतों से प्रोटीन लिया जाता है जैसे सोयाबीन, मटर, चावल और आलू, अंडे व दूध आदि। इसके बाद इन विकल्पों में शक्कर, कृत्रिम गंध, विटामिन्स और खनिज तत्व मिलाए जाते हैं।

वजन बढ़ाने के लिए कौन सा प्रोटीन ले?

प्रोटीन के लिए दूध, दही, दाल, पनीर, छेना व अन्य दुग्ध उत्पाद लें। 45-50 किलो वजनी लोग रोज 70 ग्राम प्रोटीन लें।

प्रोटीन की कमी से कौन से रोग होते हैं?

प्रोटीन की कमी से चेहरे, त्वचा, पेट में सूजन, बाल रूखे, बेजान होना, झड़ना, मसल्स पेन की शिकायत हो सकती है।

सबसे ज्यादा प्रोटीन वाली दाल कौन सी है?

मूंग की दाल में सबसे ज्यादा प्रोटीन होता है।

Disclaimer : इस लेख (article) में बताये गए तरीके केवल जानकारी बढ़ाने अथवा ज्ञान में लाने के लिए है . यह मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं है . इसलिए कोई भी टिप्स आजमाने से पहले डॉक्टर की सलाह लें .

References

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5537849/
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/32702243/

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